देहरादून: लैंसडाउन विधायक दलीप सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बीच छिड़ी जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। हरक सिंह रावत के रुद्रप्रयाग से चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बीच दलीप रावत ने उनके ऊपर आरोप लगाया था कि वो परिवारवाद को बढ़ावा देते हुए पार्टी को कमजोर कर रहे हैं। इतना ही नहीं, कई दूसरे नेताओं ने हरक सिंह के ऊपर ये आरोप भी लगाए थे कि वो दूसरे जिले के नेता होकर अन्य जिले में चुनाव लड़ रहे हैं। अब इन आरोपों पर हरक सिंह रावत ने अपना पक्ष साफ किया है।
हरक सिंह रावत का कहना है कि वो कोई पाकिस्तानी नहीं हैं, और न ही चीन से यहां पर आए हैं। वो भारत के नागरिक हैं और उत्तराखंड के बेटे हैं, ऐसे में उनको बाहरी कहना गलत है। हरक सिंह रावत ने कहा है कि उन्होंने रुद्रप्रयाग और कोटद्वार दोनों ही जगहों पर काम किया है और वो काम सब की नजर में है।
हरक ने कहा कि, जब वह रुद्रप्रयाग से विधायक थे तब उन्होंने वहां सैनिक स्कूल से लेकर तमाम कार्य किए हैं। इतना ही नहीं, केदारनाथ की आपदा के दौरान भी उन्होंने बढ़-चढ़कर काम किया था। इसके साथ ही कोटद्वार में विधायक रहते हुए भी उन्होंने ऐसे कई काम किए हैं जो सभी की नजरों के सामने हैं। ऐसे में उनको बाहरी कहना कतई सही नहीं है।
गौर हो कि पिछले कुछ दिनों से हरक सिंह रावत पर परिवारवाद को बढ़ाने का आरोप लग रहा है। लैंसडाउन विधानसभा सीट को लेकर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं के दावा ठोकने के बाद तो आरोप और तेज हो गए हैं। भाजपा के सिटिंग विधायक दलीप रावत अपना टिकट कटता देख हरक के खिलाफ लगातार बयान दे रहे हैं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया है कि राजनीति में सब कुछ संभव है, अभी वो पार्टी के टिकट को लेकर बस फैसले का इंतजार कर रहे हैं। राजनीति से हटकर भी वह किसी व्यक्ति से मुलाकात कर सकते हैं।