हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र :- श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के सभी कार्यालयों में कार्य अब हिन्दी में किये जाएंगे। यह निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लिया गया है। इसके दिशानिर्देश सभी अधिष्ठाताओं, विभागाध्यक्षों, शाखा प्रभारियों और अधिकारियों को जारी कर दिए गए हैं। आयुष विवि के कुलपति प्रो. डॉ. बलदेव कुमार ने कहा कि राजभाषा हिन्दी में कार्य करना न सिर्फ हमारा कार्यालयीय दायित्व है बल्कि राष्ट्रीय दायित्व भी है। राजभाषा के प्रयोग से राष्ट्रीय विकास के साथ-साथ दुनिया में देश का सम्मान भी बढ़ता है। एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक भी है। बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की वैज्ञानिक भाषा है जिसे दुनिया भर में बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा हिन्दी में कार्य करने का संकल्प लिया गया है। साथ ही स्वदेश निर्मित उत्पाद के उपयोग पर भी बल दिया जा रहा है। इस तरह की पहल सभी को करनी पड़ेगी। हिन्दी आम आदमी की भाषा के रूप में देश की एकता का सूत्र है। देश के किसी भी कोने में आप चले जाएं हिन्दी बोलने और समझने वाले लोग मिल ही जाएंगे। आज पूरी दुनिया में 175 से अधिक विश्वविद्यालयों में हिन्दी भाषा पढ़ाई जा रही है। ज्ञान-विज्ञान की पुस्तकें भी बड़े पैमाने पर राजभाषा में लिखी जा रही हैं। वहीं सोशल मीडिया पर भी हिन्दी का प्रचलन बढ़ा है। इसलिए सभी के सामूहिक प्रयास से ही हिन्दी जन-जन की भाषा बनेगी। जिससे देश के ग्रामीण तबका की भी भागीदारी सुनिश्चित होगी।