छाँव फाउंडेशन ने छाँव पब्लिक लाइब्रेरी को किया आमजनों के लिए समर्पित
अररिया
लोकहित एवं सामाजिक शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए गठित संस्था छाँव फाउंडेशन ने आज छाँव पब्लिक लाइब्रेरी को आमजनों के लिए समर्पित कर दिया। लाइब्रेरी का लोकार्पण अमर कथाशिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु की छोटी बहन और ठेस कहानी की नायिका मानू दीदी के करकमलों द्वारा फीता काट कर किया गया। लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता मो० मोहसिन ने की।
लाइब्रेरी में हिन्दी, उर्दू और अंग्रेजी की करीब आठ सौ किताबें अभी उपलब्ध हैं।
समारोह में शहर के बुद्धिजीवी, साहित्यकार, समाजसेवी, प्रबुद्ध युवा एवं युवतियां बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि मानू दीदी ने यह कहते हुए कि वह अपने पीहर आई हुई हैं, अपने मधुर स्वर में भाई बहन के जज्बाती रिश्तों पर आधारित एक बेहतरीन लोकगीत आंचलिक भाषा में पेश कर लोगों को भावुक कर दिया।
छाँव फाउंडेशन के अध्यक्ष दीपक दास ने समारोह में शामिल लोगों का स्वागत किया; साथ ही मुख्य अतिथि मानू दीदी से लोगों को परिचित भी कराया।
सचिव जाहिद अनवर ने संस्था के गठन तथा उसके उद्देश्यों की रूपरेखा लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया।
वरिष्ठ पत्रकार परवेज आलम ने संस्था द्वारा विगत दिनों किए गए कार्यों तथा भविष्य की योजनाओं से लोगों को अवगत कराया।
समारोह में वरिष्ठ अधिवक्ता देवनारायण सेन, श्यामलाल यादव, मो० ताहा, देवेन्द्र मिश्रा की अलावा प्रो० रकीब, वार्ड पार्षद ईबरार सिद्दिकी, सिब्तैन अहमद, दीन रजा अख्तर, रफी हैदर अंजुम, रजी अहमद तन्हा, शम्स आज़म, डाॅक्टर शमीम कमर, अरशद अनवर अल्लीफ के साथ ही कई और बुद्धिजीवियों ने लाइब्रेरी की महत्ता और उसकी उपयोगिता पर अपने अपने विचार प्रकट किए। श्रीमती गौरी शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि बेशक उनके पति महेश्वर प्रसाद शर्मा आज जीवित नहीं हैं फिर भी वह संस्था को हर संभव सहयोग के लिए हमेशा तैयार हैं।
मंच संचालन अफ्फान क़ामिल ने बखूबी निभाया, अंत में संस्था के कोषाध्यक्ष शब्बिरुल हक ने उपस्थित बुद्धिजीवियों तथा अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।
समारोह के सफल आयोजन में संस्था के सदस्य तौसिफ़ अनवर, इफ्तिखार आलम, इख्वान क़ामिल, नोमान हैदर, अमिर रेज़ा, हम्माद हैदर, तारिक़ अनवर, रज़ी अनवर, फ़ैज, जिब्रान, साकिब, समद, आमिर फारूक़ एवं हम्माद अंत तक मुस्तैदी से लगे रहे।