ग्राम स्वराज के स्वप्न को साकार कर सकता है राष्ट्रीय जल जीवन मिशन
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के स्वप्न को वर्तमान में देश भर में संचालित किए जा रहे महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय जल जीवन मिशन कार्यक्रम के प्रभावी संचालन के द्वारा साकार किया जा सकता है, बशर्ते कि इस कार्यक्रम के प्रभावी नियोजन तथा क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर गठित की गयी “ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समितियां” अपनी भूमिका को भली भांति समझें तथा पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा से योजना के विभिन्न घटकों को धरातल पर उतार सकें। यह विचार रानीबाग, हल्द्वानी स्थित एक होटल में जनपद नैनीताल के रामगढ़ तथा धारी विकास खण्डों की ग्राम पंचायतों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत गठित पेयजल समितियों के प्रधानों एवं अन्य सदस्यों हेतु आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर पेयजल एवं स्वच्छता सेक्टर के विषय विशेषज्ञ एवं जल जीवन मिशन कार्यक्रम में मुख्य प्रशिक्षक के तौर पर आमंत्रित दिनेश महतोलिया द्वारा व्यक्त किए गए। श्री महतोलिया द्वारा प्रतिभागियों को अवगत कराया गया कि जल जीवन मिशन का उद्देश्य महज स्वच्छ व सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने तक ही सीमित नहीं है वरन इसके साथ ही वर्षा जल संचयन, परंपरागत जल स्रोतों के संरक्षण व संवर्धन के प्रयासों से उन्हें दीर्घकाल तक स्थायित्व भी देना है ताकि आने वाली पीढ़ियाँ संभावित पेयजल संकट से बची रहें।
भारत सरकार द्वारा इस मिशन में क्षमता विकास गतिविधियों हेतु “की रिसोर्स सेंटर” के रूप में चयनित देवऋषि एजुकेशनल सोसाइटी, देहरादून के तत्वाधान में माह दिसंबर से निरंतर आयोजित किये जा रहे प्रशिक्षणों की श्रृंखला के अंतर्गत तीन दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न ग्राम पंचायतों से आये लगभग 60 प्रतिनिधियों को जल जीवन मिशन योजना की विस्तृत जानकारी के साथ ही पेजयल समितियों के गठन व उनकी भूमिका, जल स्रोतों के संरक्षण व संवर्धन, ग्रे वाटर मैनेजमेंट, पेयजल योजनाओं के लिए विकल्पों के चयन, योजनाओं के दीर्घकालिक रखरखाव की योजना, 15वे वित्त आयोग से मदद तथा बेहतर सूचना, शिक्षा व संचार से स्थानीय लोगों में जागरूकता जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी प्रदान की गयी।
श्री महतोलिया ने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर गठित इन पेयजल समितियों की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है क्योंकि योजना पूर्ण होने के उपरांत आगामी 30 वर्षों तक उसका संचालन तथा रखरखाव इन्हीं समितियों द्वारा ग्रामीण समुदाय की भागीदारी से किया जाना है, जिस हेतु इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का अत्यंत महत्व है। समितियों को योजना एवं इसके घटकों की जानकारी न होने की स्थिति में जल जीवन मिशन के अंतर्गत बनायी जाने वाली योजनाओं की गुणवत्ता तथा स्थायित्व पर प्रश्न बना रह सकता है। श्री महतोलिया के साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रम में महाराष्ट्र से आये विषय विशेषज्ञों किशोर कुमार वागदारिकर तथा राजू राठौड़ ने जल संरक्षण, जल गुणवत्ता तथा पर्यावरणीय स्वच्छता सम्बन्धी विषयों पर गहन जानकारी दी गयी। साथ ही नैनीताल जनपद के ही ग्राम नौदा तथा परवाड़ा में समुदाय के द्वारा विगत दो दशकों से सफलतापूर्वक संचालित पेयजल योजनाओं के दृष्टान्त भी दिए गए।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्राम पंचायत गहना, सुनकिया, दीनी, अनरपा, महतोलियागांव, चौखुटा, धारी, परवाड़ा, मनाघेर, धानाचुली आदि ग्राम पंचायतों के लगभग 60 ग्राम प्रधानों एवं पेयजल समिति सदस्यों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम समापन पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए.( हेम चन्द्र लोहनी संवाददाता )