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उत्तराखंड देहरादून बिजली चोरी मामले में कर्मियों पर मुकदमा दर्ज

सागर मलिक

*चर्चित यूपीसीएल को लगा बिजली का जोरदार झटका! परफार्मेंस पर उठे सवाल

लाख दावे के बाद भी बिजली चोरी नहीं रोक पा रहा यूपीसीएल

फैक्ट्री के मीटर से छेड़छाड़ उजागर, यूपीसीएल के जेई व एक्सईएन निलंबित

यूपीसीएल प्रबंधन पर उठे सवाल: कर्मचारी फंसे, मालिक बचा*

देहरादून। भारी घाटे में चल रहे उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन को बिजली का तगड़ा झटका लगा है। हरिद्वार जिले में बिजली चोरी का बड़ा मामला सामने आया है। गुरुकुल नारसन स्थित यूपीसीएल के बिजली घर में वासू स्टील फैक्ट्री के मीटर से छेड़छाड़ कर बिजली चोरी की पुष्टि हुई।

जांच के बाद यूपीसीएल ने एसडीओ व प्रभारी अधिशासी अभियंता गुलशन बुलानी और मंगलौर के जेई अनुभव सैनी को तत्काल निलंबित कर दिया है। वहीं उपनल कर्मी अकरम अली समेत पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

जांच में पकड़ी मिलीभगत

दो दिन पहले पुलिस ने बिजलीघर के बाहर कुछ लोगों को पकड़ा था, जिन्होंने पूछताछ में फैक्ट्री के मीटर से छेड़छाड़ करने की बात स्वीकारी। मापक टीम ने मौके पर जांच कर चोरी की पुष्टि की और मीटर सील कर जांच के लिए भेजा।

निदेशक परिचालन एम.आर. आर्य ने निलंबित अधिकारियों को अन्य कार्यालयों से संबद्ध करते हुए नए प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं। साथ ही तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है।

दो दिन पहले गुरुकुल नारसन स्थित यूपीसीएल के बिजली घर के बाहर से पुलिस ने कुछ लोगों को पकड़ा। पूछताछ में उन्होंने बिजलीघर में लगे वासू स्टील फैक्ट्री के मीटर में छेड़छाड़ की बात स्वीकारी।

मापक टीम ने जांच की तो मौके पर पुष्टि हो गई कि मीटर में छेड़छाड़ करके बिजली चोरी की जा रही थी। टीम ने मीटर को सील कर दिया और जांच के लिए भेज दिया।

मामले में उपनल के कर्मचारी अकरम अली समेत पांच पर मुकदमा दर्ज हुआ, जिसमें दो फैक्ट्री के कर्मचारी भी बताए जा रहे हैं।
निदेशक परिचालन एमआर आर्य ने लंढौरा के एसडीओ और विद्युत वितरण खंड रुड़की के प्रभारी

अधिशासी अभियंता गुलशन बुलानी को निलंबित करते हुए मुख्य अभियंता वितरण, रुद्रपुर क्षेत्र संबद्ध किया गया है। उनकी जगह सहायक अभियंता हरिद्वार अमित तोमर को जिम्मेदारी सौंपी गई है। सवाल उठ रहे हैं कि एक एसडीओ को आखिर अधिशासी अभियंता का प्रभार कैसे दिया गया।

निदेशक परिचालन आर्य ने मामले में एसडीओ मंगलौर जेई अनुभव सैनी को निलंबित कर मुख्य अभियंता वितरण कुमाऊं क्षेत्र हल्द्वानी संबद्ध किया है। उनकी जगह एसडीओ झबरेड़ा मोहम्मद रिजवान को अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। मामले में मुख्य अभियंता गढ़वाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की है, जिसमें एक अधीक्षण अभियंता व एक डिप्टी सीएफओ हैं। इनकी रिपोर्ट के आधार पर फैक्ट्री मालिक के खिलाफ कार्रवाई होगी।

इस मामले में निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार यादव का कहना है कि अधिशासी अभियंता स्तर तक के अधिकारियों को निलंबित कर जांच बैठा दी है। पूरी एनर्जी अकाउंटिंग कराएंगे। कहीं भी कोई गड़बड़ी पकड़ी जाएगी तो सीधे सख्त कार्रवाई होगी।

एमडी ने आदेश दिया है कि रुड़की, भगवानपुर समेत पूरे क्षेत्र में उच्च बिजली खपत वाली सभी स्टील फैक्ट्री और अन्य उद्योगों का एनर्जी अकाउंटिंग ऑडिट होगा। इससे स्पष्ट होगा कि बिजली किस स्तर पर खपत हो रही है। कहीं किसी स्तर पर कोई गड़बड़ी पकड़ में आई तो उस हिसाब से कार्रवाई होगी।

यूपीसीएल प्रबंधन पर उठे सवाल: कारिंदे गिरफ्त में, मालिक को छुआ तक नहीं

गुरुकुल नारसन स्थित यूपीसीएल के बिजली घर में वासू स्टील फैक्टरी के मीटर में छेड़छाड़ कर बिजली चोरी के मामले में फैक्ट्री के कर्मचारियों पर तो बिजली चोरी के मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया है लेकिन मालिक का नाम इसमें शामिल नहीं है।

सवाल उठ रहे हैं कि क्या कर्मचारी अपने स्तर से फैक्ट्री के लिए बिजली चोरी कर रहे थे। यूपीसीएल और पुलिस से मांग की जा रही है कि मुख्यालय को करोड़ों का चूना लगाने वाली फैक्ट्री के मालिक पर भी कार्रवाई हो।

दरअसल, बड़ी फैक्ट्रियों के लिए एक मीटर फैक्ट्री परिसर में और दूसरा मीटर संबंधित बिजलीघर में होता है। डबल मीटरिंग इसलिए होती है कि कहीं बिजली चोरी या अन्य कोई मीटर संबंधी गड़बड़ न हो, लेकिन यहां तो दोनों ही मीटरों में गड़बड़ियां की जा रही थीं।

बिजली चोरी में मंगलौर, लंढौरा समेत आठ शहर रहे सुर्खियों में

उत्तराखंड में बिजली चोरी के मामले में मंगलौर, लंढौरा समेत आठ शहर पहले से ही सुर्खियों में रहे हैं। हाल ही में नियामक आयोग ने यूपीसीएल की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के दौरान भी इस पर चिंता जताई थी। यूपीसीएल को इन हाई लॉस फीडर पर नियंत्रण की नसीहत दी थी।

आयोग के पुनर्विचार याचिका को खारिज करने संबंधी फैसले में इसका स्पष्ट उल्लेख है। गदरपुर में 30.58 प्रतिशत, जसपुर में 27 प्रतिशत, जोशीमठ में 53.92 प्रतिशत, खटीमा में 53 प्रतिशत, लक्सर में 27 प्रतिशत, लंढौरा में 69.40 प्रतिशत, मंगलौर में 47.62 प्रतिशत और सितारगंज में 27:25 प्रतिशत समग्र तकनीकी और वाणिज्यिक हानियां (एटी एंड सी लॉस) रिकॉर्ड किया गया। रुड़की डिवीजन में 2021-22 में 31.21 प्रतिशत, 2022-23 में 31.09 प्रतिशत और 2023-24 में 31.50 प्रतिशत वितरण हानियां दर्ज की गई।

.नियामक आयोग ने माना था कि ये हाई लॉस फीडर कहीं न कहीं यूपीसीएल के लिए दीमक की तरह काम कर रहे हैं। यूपीसीएल को हर साल यहां से करोड़ों रुपये का घाटा हो रहा है। साफ है कि यहां बड़े पैमाने पर बिजली चोरी चल रही है जिसमें हाल के प्रकरण के बाद यूपीसीएल के अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आई है।

सभी इंडस्ट्री का होगा एनर्जी अकाउंटिंग ऑडिट

यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने आदेश दिया है कि रुड़की, भगवानपुर समेत पूरे क्षेत्र में उच्च बिजली खपत वाली सभी स्टील फैक्ट्री और अन्य

उद्योगों का एनर्जी अकाउंटिंग ऑडिट होगा। इससे स्पष्ट होगा कि बिजली किस स्तर पर खपत हो रही है। कहीं किसी स्तर पर कोई गड़बड़ी पकड़ में आई तो उस हिसाब से कार्रवाई होगी।

एमडी की नियुक्ति रही सुर्खियों में

गौरतलब है कि कुछ महीने पूर्व यूपीसीएल के एमडी अनिल यादव के कार्यकाल विस्तार को लेकर काफी बवाल हुआ था। इतना गोपनीय रखा गया कि किसी को एमडी अनिल यादव के सेवा विस्तार का आदेश नहीं मिला।

एमडी अनिल यादव-परफार्मेंस पर उठे सवाल
इस मुद्दे पर बेरोजगार संघ के पूर्व अध्यक्ष बॉबी पंवार ने ऊर्जा सचिव के सचिवालय स्थित कक्ष में जमकर बवाल किया था। बॉबी पंवार ने ऊर्जा सचिव मीनाक्षी सुन्दरम से सेवा विस्तार का आदेश मांगा था। नहीं देने पर दोनों के बीच जमकर कहासुनी मीडिया की सुर्खियां बनी थी।

चूंकि, अनिल यादव पर कई तरह के गम्भीर आरोप चस्पा थे। और इनकी जांच भी हुई थी। लेकिन अभी तक कोई विशेष कार्रवाई देखने में नहीं आयी।

इधऱ, जबरदस्त घाटे में चल रहे यूपीसीएल में बिजली चोरी की लगातार जारी घटनाओं और अन्य मसलों को लेकर यह निगम लगातार चर्चा में है। बहरहाल, जनता जनार्दन बिजली चोरी, स्मार्ट मीटर का विरोध व अन्य मुद्दों के बावजूद ऊर्जा प्रदेश का सपना साकार होते देखना चाहती हैं।

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