माता वाला बाग में धरना प्रदर्शन नारेबाजी पर कोर्ट ने लगाई रोक

माता वाला बाग में धरना प्रदर्शन नारेबाजी पर कोर्ट ने लगाई रोक,
सागर मलिक
सार:श्री दरबार साहिब प्रबन्धन ने स्पष्ट किया दरबार की एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं होने देंगे
मातावाला बाग श्री दरबार साहिब का था, है और रहेगा
वरिष्ठ नागरिकों के लिए मातावाला बाग में सैर पर कोई रोक नहीं, केवल अनुमति पत्र बनवाना होगा
विस्तार:देहरादून। श्री गुरु राम राय जी अखाड़ा मातावाला बाग अन्तर्राष्ट्रीय कोच और द्रोणाचार्य लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्डी पवन शर्मा को श्री दरबार साहिब प्रबन्धन एवम् शहर के गणमान्य व्यक्तियों द्वारा भावभरी विदाई दी गई। उधर, मातावाला बाग में असामाजिक तत्वों के जबरन प्रवेश व अनैतिक गतिविधियों को देखते हुए कोर्ट ने निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
काबिलेगौर है कि श्री गुरु राम राय जी कुश्ती अखाड़ा मातवाला बाग का संचालन दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज द्वारा किया जाता है। पिछले कुछ दिनों से असामाजिक तत्वों द्वारा मातावाला बाग में माहौल खराब करने की शिकायतें आ रही थीं। कोर्ट के आदेशानुसार मातावाला बाग के 250 मीटर के दायरे में कोई भी व्यक्ति या समूह किसी प्रकार का धरना-प्रदर्शन, नारेबाजी नहीं कर सकेगा, किसी प्रकार का कोई व्यवधान उत्पन नहीं कर सकेगा। किसी भी व्यक्ति के मातावाला बाग में प्रवेश पर पूर्णतः रोक रहेगी। मातवाला बाग में जब तक प्रवेश नियमवाली नहीं बन जाती है व नए कुश्ती कोच की नियुक्ति नहीं हो जाती है प्रवेश पर रोक प्रभावी रहेगी।
उधर, गुरुवार को कोच पवन शर्मा के सम्मान में श्री दरबार साहिब में विदाई सम्मान समारोह आयोजित किया गया। पवन शर्मा 1990 के दशक में ब्रहमलीन श्रीमहंत इन्दिरेश चरण दास जी महाराज द्वारा उनको अखाड़े की जिम्मेदारी दी गई। जिसको उन्होने बहुत अच्छे ढंग से निभाया और अब अस्वस्थ होने के कारण उन्होने अपनी जिम्मेदारी श्री दरबार साहिब को वापिस सौंप दी है। दरबार साहिब प्रबन्धन ने जोर देकर कहा कि श्री दरबार साहिब की एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। मातावाला बाग श्री दरबार साहिब का था, है और रहेगा।
श्री दरबार साहिब प्रबन्धन समिति ने नए कुश्ती कोच जो युवाओं को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बना सके और आलंपिक गोल्ड जीता सके, इसके लिए राष्ट्रीय स्तर के पहलवान कोच की खोज शुरू कर दी है। इस आश्य का विज्ञापन राष्ट्रीय स्तर के दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित कर दिया है। ताकि राष्ट्रीय स्तर के कुश्ती पहलवानों को श्रेष्ठ कोचिंग मिल सके और वे देहरादून उत्तराखण्ड का नाम अन्तर्राष्ट्रीय फलक पर चमका सकें।