निमोनिया व कोरोना फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी : डॉ. सुरेश यादव
✍️संवाददाता दिव्या बाजपेई
कन्नौज । कोरोना के साथ आजकल सर्दी से जुड़ी बीमारियां भी बढ़ रही हैं। इसमें निमोनिया एक बड़ी समस्या बन कर उभरी है। यह कहना है बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरेश यादव ने बताया सर्दी में जुकाम, खांसी और ज्यादा कफ बनना आम बात हैं । लेकिन यह स्थिति लम्बे समय तक बनी रही तो निमोनिया हो सकता है। कोरोना काल में यह काफी घातक भी साबित हो सकता है। उन्होंने बताया कि निमोनिया एक संक्रामक रोग है। इस स्थिति में फेफड़े में कफ इकट्ठा हो जाता है। शरीर में ज्यादा मात्रा में कफ बनना भी कई बार जानलेवा साबित हो जाता है। सर्दी में शिशुओं को निमोनिया का खतरा अधिक होता है। इसलिए इस मौसम में शिशुओं को ठंड से बचाना चाहिए। इससे बचाव के लिए पीसीवी का टीका बच्चे को लगवाना चाहिए। बच्चों में निमोनिया के संकेत सात दिनों से अधिक समय तक चलने वाली खांसी,हल्का बुखार , सिरदर्द, ठंड लगना या शरीर में दर्द,भूख की कमी, छाती या पसली का दर्द, सांस लेने में दिक्कत,निमोनिया के लक्षण,छोटे बच्चों में निमोनिया के लक्षण बड़ों से अलग होते हैं । सांस लेने में तकलीफ होना ,बच्चों का अधिक रोना,ठीक से दूध नहीं पीना एवं खाना नहीं खाना । उल्टी होना
,निमोनिया के लक्षण गंभीर होने पर बच्चा बेहोश व सुस्त हो सकता है।
बलगम वाली खांसी, कंपकपी वाला बुखार, सांस लेने में तकलीफ या तेजी से सांस चलना, सीने में दर्द या बेचैनी, भूख कम लगना, खांसी में खून आना, कम रक्तचाप ,बचाव के लिए रखें इन चीजों का ध्यान । पीसीवी टीका बच्चों को निमोनिया से बचाने में सहायक होता है। इसे तीन खुराकों में दिया जाता है तथा यह बच्चों को निमोनिया से बचाने में अहम् भूमिका अदा करता है। बच्चों की साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें । बच्चों के खान-पान का विशेष ख्याल रखें,छोटे बच्चों को मां का दूध अवश्य पिलाना चाहिए, यदि मां बीमार हो या बुखार हो बच्चों को दूध नहीं पिलाना चाहिए। रात में एक बार जरूर चेक कर लेना चाहिए कि बच्चे ने कपड़े भिगो तो नहीं दिए हैं ।
बच्चों को जब भी कोई समस्या हो तो एक बार डॉक्टर को जरूर दिखा लें, बिना किसी डॉक्टर के परामर्श के बच्चों को कोई दवा नहीं देनी चाहिए।