विदेशी भाषा सीखेगा श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का प्रत्येक विद्यार्थी

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
जापानी, जर्मन और कोरियन भाषा होगी विकल्प, अन्य भाषाओं को शामिल करने की भी योजना।
विदेशों में रोजगार के अवसर भुनाने के लिए विदेशी भाषा का ज्ञान जरूरी : कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार।
पलवल : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में प्रत्येक विद्यार्थी एक विदेशी भाषा सीखेगा। उसे अपने मुख्य विषय के अतिरिक्त यह दो क्रेडिट का कोर्स करना होगा। विद्यार्थियों के पास फिलहाल जर्मन, जापानी और कोरियन के विकल्प होंगे। भविष्य में दूसरी कई अन्य भाषाओं को भी इस सूची में शामिल किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के अवसरों को भुनाने की दिशा में यह कदम उठाया गया है।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने यह घोषणा करते हुए बताया कि विदेशों में स्किल्ड मानवीय संसाधनों की जबरदस्त मांग को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इस समय पूरी दुनिया में कुशल लोगों की जरूरत है, लेकिन भाषाई बाधा के कारण भारत के युवा इन अवसरों का भरपूर लाभ नहीं उठा पा रहे। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने सभी विद्यार्थियों को कोई न कोई विदेशी भाषा सिखाने का निर्णय लिया है। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने बताया कि इसी सत्र से यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी। इस समय जापानी और जर्मन में अंडर ग्रेजुएट डिप्लोमा करवाया जा रहा है। यह बारहवीं के बाद दो साल के प्रोग्राम हैं। जापान सरकार ने विशेष तौर पर श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के लिए जापानी भाषा की एक शिक्षक यहां भेजी है। मीवा सासाकी विद्यार्थियों को जापानी सिखा रही हैं। कोरियन संगठन से भी श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का एमओयू हो चुका है। इसी सत्र से कोरियन भाषा का प्रोग्राम भी शुरू होगा। साथ ही विद्यार्थियों को फ्रेंच और स्पेनिश जैसी कुछ भाषाओं के विकल्प भी प्रदान किए जा सकते हैं। यह निर्णय भाषा की मांग के आधार पर लिया जाएगा।
कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने बताया कि प्रत्येक विद्यार्थी को कोई न कोई विदेशी भाषा सीखने की यह अनिवार्यता उसे लीक से हट कर तैयार करेगी। भारत में बहुत सी बहुराष्ट्रीय कंपनी काम कर रही हैं और उन्हें अपने-अपने देशों की भाषा के स्किल्ड लोग चाहिएं जोकि नहीं मिल रहे। इसी तरह से विदेशों में स्किल्ड लोगों की जरूरत है, लेकिन भाषा न आना एक बाधा है। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने बताया कि इसी को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक विद्यार्थी के लिए अपने मुख्य प्रोग्राम के साथ यह दो क्रेडिट का भाषाई कोर्स अनिवार्य होगा। एक सेमेस्टर में विद्यार्थी को 30 घंटे विदेशी भाषा सीखने के लिए समर्पित करने होंगे। सप्ताह में दो पीरियड विदेशी भाषा के लिए रखे जाएंगे। इसके काफी सुखद परिणाम आएंगे।
अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर सुरेश कुमार ने बताया कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ विदेशों की कई कंपनी संपर्क में हैं। कई जापानी कम्पनियों के प्रतिनिधिमंडल यहां भ्रमण भी कर चुके हैं। विद्यार्थियों में लैंग्वेज स्किल बढ़ने से काफी अच्छे अवसर पैदा होंगे। प्रोफेसर सुरेश कुमार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के अवसरों को भुनाने की दिशा में भाषाई ज्ञान बढ़ाना एक अच्छी पहल साबित होगी। इसके लिए विद्यार्थियों के सामने भाषाओं के विकल्प बढ़ाने पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अंडर ग्रेजुएट कोर्स में आवेदन करने की अंतिम तिथि तीन जुलाई है। भाषाई प्रोग्राम सहित अन्य प्रोग्राम में भी विद्यार्थी काफी दिलचस्पी ले रहे हैं।
जानकारी देते कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार।