धरती माता के संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाएँ, जल बचाएं:- स्वामी विज्ञानानन्द जी

धरती माता के संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाएँ, जल बचाएं:- स्वामी विज्ञानानन्द जी।
स्वामी जी ने शिविर के दौरान उपस्थित जन समूह को पौधे वितरित कर नगर कौंसिल पार्क में पौधे भी लगाए।
(पंजाब)फिरोजपुर 30 जून 2025 [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]=
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान फिरोजपुर की ओर से 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के उपलक्ष्य में स्थानीय नगर कौंसिल पार्क में आयोजित विलक्षण योग शिविर के दौरान विशेष रूप से संस्थान की ओर से श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी विज्ञानानंद जी ने बताया कि सृष्टि का सिरमौर कहे जाने वाले मानव द्वारा आधुनिकतावाद और विकासवाद की अंधी दौड़ में प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन हो रहा है। जिसमें वनस्पति जगत पतन के कागार पर है। पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण की वजह से वृक्षारोपण की आवश्यकता इन दिनों अधिक हो गई है। वृक्षारोपण से तात्पर्य वृक्षों के विकास के लिए पौधों को लगाना और हरियाली को फैलाना है। वृक्षारोपण महत्वपूर्ण क्यों है इसके पीछे कई कारण हैं। मुख्य कारणों में से एक कारण यह है कि वृक्ष जीवन-प्रदान करने वाली ऑक्सीजन प्रदान करते हैं जिसके बिना मानव जाति का अस्तित्व असंभव है। विकासवाद की अंधाधुंध दौड़ में आज धरती का तापमान बहुत अधिक बढ़ रहा है। इससे लड़ने का एकमात्र तरीका अधिक से अधिक पेड़ लगाना है।
भूमिगत जल संसाधनों के विकास पर भी बल देते हुए स्वामी जी ने उपस्थित जन समूह को अपने भारत की पवित्र नदियों की स्वच्छता व जल संरक्षण की प्रेरणा देते हुए अधिक से अधिक पौधारोपण करने की प्रेरणा दी। क्योंकि हरीतिमा होगी तो जल संसाधनों का विकास भी चरम होगा। शुद्ध वायु और भूमिगत जल संसाधनों के विकास पर बल देते हुए स्वामी जी ने उपस्थित जन समूह को अधिक से अधिक पौधरोपण करने की प्रेरणा दी।
इसी तथ्य की शिलापट पर आज संस्थान की ओर से उपस्थित जन समूह को तीनों दिन अत्यधिक ऑक्सीजन प्रदायक व उचित गुणवत्ता वाले पौधे वितरित किये गए।साथ ही स्वामी विज्ञानानंद जी ने उपस्थित योग साधकों के साथ मिलकर पार्क परिसर में पौधे भी लगाए।
स्वामी जी ने उपस्थित योग साधकों को योग व प्राणायाम का अभ्यास करवा इसके स्वास्थ्य सम्बंधित लाभों से अवगत भी करवाया।
ध्यान देने योग्य है की संस्थान द्वारा पर्यावरण विकास की ओर उन्मुख अपने संरक्षण प्रकल्प के अंतर्गत अधिक से अधिक पौधे लगा कर उनका संरक्षण भी किया जाता है। इसी के साथ कार्यक्रम के अंत में सभी प्रकृति प्रेमियों ने जल संसाधनों के संरक्षण और संवर्धन, पौधरोपण करने, सम्पूर्ण वनस्पति जगत के विकास करने व स्वच्छ भारत का निर्माण करने का सामूहिक संकल्प भी लिया।