गुप्त नवरात्रि मां दुर्गा की विशेष शक्ति और दिव्य कृपा प्राप्त करने का शुभ अवसर है : डॉ. सुरेश मिश्रा
गुप्त नवरात्रि मां दुर्गा की विशेष शक्ति और दिव्य कृपा प्राप्त करने का शुभ अवसर है : डॉ. सुरेश मिश्रा।
कुरुक्षेत्र, प्रमोद कौशिक : कॉस्मिक एस्ट्रो, पिपली (कुरुक्षेत्र) के डायरेक्टर व श्री दुर्गा देवी मंदिर के पीठाधीश डॉ. सुरेश मिश्रा ने बताया कि माघ माह में गुप्त नवरात्रि का आयोजन विशेष रूप से किया जाता है। गुप्त नवरात्र 30 जनवरी, गुरुवार से प्रारंभ होंगे और इनका समापन 7 फरवरी, शुक्रवार को होगा। यह नवरात्रि माघ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर नवमी तिथि तक मनाई जाती है। गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। यह विशेष नवरात्रि उन साधकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है, जो तंत्र साधना और गुप्त विद्याओं में रुचि रखते हैं।
दस महाविद्याएं :
गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। दस महाविद्याएं इस प्रकार से हैं- काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी या कमला। दस महाविद्याओं की पूजा करने से मनुष्य को विशेष सिद्धियां प्राप्त होती हैं और जीवन के सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त :
गुप्त नवरात्रि में घटस्थापना का विशेष महत्व होता है। वर्ष 2025 में घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 9:25 से 10:46 बजे तक रहेगा।
अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:13 से 12:56 बजे तक रहेगा। इन शुभ मुहूर्तों में घटस्थापना करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
माघ गुप्त नवरात्रि की तिथियां :
नवरात्रि प्रतिपदा- 30 जनवरी 2025, गुरुवार – मां काली नवरात्रि द्वितीया- 31 जनवरी 2025, शुक्रवार – मां तारा नवरात्रि तृतीया- 1 फरवरी 2025, शनिवार – मां त्रिपुर सुंदरी
नवरात्रि चतुर्थी- 2 फरवरी 2025, रविवार – मां भुवनेश्वरी
नवरात्रि पंचमी- 2 फरवरी 2025 रविवार – मां भैरवी नवरात्रि षष्ठी- 3 फरवरी 2025, सोमवार – मां छिन्नमस्ता
नवरात्रि सप्तमी- 4 फरवरी 2025, मंगलवार- मां धूमावती
नवरात्रि अष्टमी- 5 फरवरी 2025, बुधवार – मां बगलामुखी
नवरात्रि नवमी- 6 फरवरी 2025, गुरुवार – मां मातंगी नवरात्रि दशमी- 7 फरवरी 2025, शुक्रवार – मां कमला गुप्त नवरात्रि की पूजा विधि :
श्री दुर्गा चालीसा का पाठ, श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ , मां दुर्गा की प्रातः और सायं में आरती करने से और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। मां दुर्गा को ताजे पान पर लौंग, इलायची व सुपारी के साथ पर्याप्त मात्रा में मिष्ठान, मखाने और सिक्के अर्पित करें। मिष्ठान, मखाने और सिक्कों को छोटी कन्याओं में वितरित कर दें। आर्थिक लाभ होगा, ऐसा मान्यताएं कहती हैं।
कोई भी मंत्र का श्रद्धा अनुसार जाप करने से भी आपको मां दुर्गा की कृपा मिलेगी।
ये अनुभूत मंत्र है :
“या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
ॐ दुम दुर्गाये नमः।
मां दुर्गा मंत्र के लाभ : मंत्र आत्मा को खोलेगा और चेतना को जगाएगा.यह सारे महत्वपूर्ण मंत्र हैं।
इस मंत्र का उच्चारण करने से व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। मां दुर्गा की पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और नकारात्मकता का दूर होती है। आर्थिक स्थिति अच्छी होती है।