हजियापुर गलियों और रास्तों की बदहाली हो दूर स्पेशल पैकेज देकर वार्ड का हो सौन्दर्यकरण

दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : जनसेवा टीम ने हजियापुर क्षेत्र ने बदहाल सड़को का जायज़ा लिया।
क्षतिग्रस्त मार्ग कीचड़ से भरे रहते हैं, सड़को और नालियों की दुरुस्त हो आयेदिन रिहायश बाशिंदे और राहगीर गिरते रहते हैं, रात के अंधेरे में निकलना भी मुश्किल हो जाता है।क्षेत्र में सीवरलाइन बिछाकर सड़क को बनाया जाये, जलभराव से मुकम्मल निजात के लिये ठोस कदम उठाने की ज़रूरत,सड़को और नालियों में कीचड़ न हो इसके लिये सफाई व्यवस्था दुरूस्त हो,यहाँ यूनानी मेडिकल कॉलेज भी बन गया है,जिसके बनने से यहाँ हर शहर के छात्र पढ़ाई के लिये आएंगे आने वाले लोगो को साफ सुधरा माहौल मिले इसके लिये हजियापुर का सौन्दर्यकरण होना ज़रूरी, हजियापुर बड़ी आबादी का मोहल्ला है आबादी की सुविधा के लिये सड़को और नालियों की बदहाली दूर करना ज़रूरी है, नालो की तलिझाड सफाई हो।
आश्रय गृह के सामने व आसपास वाली गलियां,खजूर वाली मस्जिद के बराबर वाली गली,पीली मिट्टी वाली गली,साबरी मस्जिद वाली गली,सकलैनी मदरसे के अलावा कई गलियों की सड़क और रास्ते बदहाल है,सड़क पर कीचड़ जमा है,लोग गिरकर चुटैल होते है,नालियों स्थिति बत्तर है,सड़क और नालियों का निर्माण हो,जलभराव की समस्या से आवादी को छुटकारा मिले,ताकि हजियापुर के बाशिंदे भी बरेली स्मार्ट सिटी होने का आनंद ले सकें, क्षेत्र में सीवरलाइन की व्यवस्था भी नही है,गन्दगी से हजियापुर वालो को निजात मिलनी चाहिए।ताकि लोग बीमारियों की चपेट में आने से बच सके।जनसेवा टीम के अध्यक्ष एवं समाजसेवी पम्मी ख़ाँ वारसी ने हजियापुर की बदहाली को दूर करने के लिये स्पेशल पैकेज की आवश्यकता है ताकि क्षेत्र का विकास तेज़ी से हो,इसको लेकर नगर निगम के अधिकारियों और मेयर डॉ उमेश गौतम जी मांग करते है कि हजियापुर क्षेत्र का दौरा करें और सर्वे के आधार पर सड़को और नालियों नाले और सीवरलाइन की व्यवस्थाए कराये,इस मौके पर डॉ सीताराम राजपूत,अहमद उल्लाह वारसी,नईम खान,शान अहमद रज़ा आदि रहे।
हजियापुर बरेली शहर का एक मोहल्ला (क्षेत्र) है। इसका इतिहास बरेली शहर के इतिहास से जुड़ा हुआ है। बरेली शहर की स्थापना 16वीं शताब्दी में हुई थी, और हजियापुर भी उसी समय के आसपास अस्तित्व में आया होगा। बरेली शहर की स्थापना का श्रेय 1537 में दो भाइयों, बांस देव और बरल देव को दिया जाता है, जिन्होंने एक दुर्ग (किला) बनवाया था, जिसे “बांस-बरेली” कहा जाता था। यह किला, जो अब मौजूद नहीं है, हजियापुर क्षेत्र के पास ही कहीं स्थित था। समय के साथ, इस क्षेत्र में एक शहर का विकास हुआ, और हजियापुर भी इसका एक हिस्सा बन गया।मुगल काल में, बरेली एक महत्वपूर्ण शहर बन गया, और हजियापुर भी इसका एक हिस्सा रहा। 18वीं शताब्दी में, रोहिल्ला सरदार हाफिज रहमत खान ने बरेली पर शासन किया, और इस क्षेत्र में कई निर्माण कार्य करवाए। हजियापुर बरेली शहर का एक व्यस्त और घनी आबादी वाला क्षेत्र है।