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कल्पवास ही स्वर्ग जाने के लिए एक मात्र रास्ता, कल्पवास दौरान हमको स्वर्ग यही महसूस होता है-गायत्री पांडेय

लोकेशन रायबरेली
रिपोर्टर विपिन राजपूत

चौंकिए मत! धरती पर है स्वर्ग…..
कल्पवास किया जाता है स्वर्ग जाने के लिए हमको स्वर्ग यही महसूस होता है पहले इनके बाबा जाते थे जाते थे फिर माता जीजाती हैं एक से डेढ़ महीने का कl कल्पवास,होता है
लोग कहते हैं कि मरने के बाद स्वर्ग देखने को मिलता है, लेकिन मैंने जीते जी प्रयागराज संगम में स्वर्ग देखा : गायत्री पांडेय

40 वर्षों से अनवरत कल्पवास करना मेरे लिए आध्यात्मिक और आत्मसंतोष का अनुभव….

कल्पवास करने से जीवन में आते हैं सकारात्मक परिवर्तन ……

85 वर्षीया वयोवृद्ध ममतामई मां गायत्री पांडेय की जुबानी और उनके परिवार के साथ नाती श्री प्रदीप पांडेय भैया जी के साथ महाकुंभ 2025 व कल्पवास के बारे में जानकारी लेकर बातचीत साझा किया कुछ अंश

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