गंदगी का अंबार ,बीमारियां दे सकती कभी भी दावत ,स्वच्छता के नाम पर खानापूर्ति
✍️ प्रशांत कुमार त्रिवेदी
कन्नौज । कन्नौज की समधन नगर पंचायत मे गंदगी का अंबार लगा हुआ है। स्वच्छता अभियान यहां कागजों में ही चल रहा है। जबकि हकीकत स्वच्छता अभियान से कोसों दूर है। कहने को तो यह नगर पंचायत अफसरों के मुताबिक पूरी तरह साफ और स्वच्छ है, लेकिन यह कितनी साफ है। गंदगी और कूड़े के ढेर से पटी समधन नगर पंचायत। इस नगर पंचायत का गठन 15 नवंबर 1984 को हुआ था। एक दिसंबर 1988 को हुए पहले अध्यक्ष के तौर पर सैय्यद अहमद सुल्तान शिब्बू को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला था। इसके बाद हाजी हसन सिद्दकी यहां से दो बार लगातार जीते। दो दिसंबर 2005 में करीब एक साल यह नगर प्रशासक के हवाले रहा। 2006 में फिर एक बार सैय्यद अहमद सुल्तान शिब्बू चेयरमैन की कुर्सी पर बैठे। उनके बाद कांग्रेस के नकीम और उनके बाद मुश्ताक अहमद भट्टू की पत्नी रुबीना बेगम यहां की चेयरमैन बनी। रुबीना समधन की पहली महिला चेयरमैन हैं। माना जा रहा था की ईमानदार छवि के मुश्ताक के मार्गदर्शन में वह नगर का चौमुखा विकास करेंगी, लेकिन पालिका ईओ के आगे वह भी नतमस्तक नजर आ रही हैं। सफाई व्यवस्था यहां पूरी तरह ध्वस्त है। अधिशासी अधिकारी कभी कभी यहां आती हैं और मनमानी कर वापस हो जाती हैं। जिसका नतीजा यह हुआ की यहां सारे काम कागजों तक ही सिमट कर रह गये हैं। सफाई कर्मी बिना काम का वेतन उठा रहे हैं तो बड़े अफसर भी आंखे बंद किये हैं। स्वच्छता के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है । जहां एक तरफ स्वच्छता का अभियान चलाकर साफ सफाई की जाती है । यह सिर्फ साफ-सफाई कागजों और फोटो में ही सीमित है ।