दीपक शर्मा (संवाददाता)
बरेली : आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए और आदर्श आचार संहिता का उलंग्घन न हो इसलिए उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव प्रशासन ने एक आदेश जारी किया है कि सभी सरकारी कार्यालयों से नेताओं की फोटो हटेंगी। अब सिर्फ राष्ट्रपति और राज्यपाल की तस्वीरें ही लगी रहेंगीं। बाकी सभी राजनेताओं की तस्वीरें हटाई जाएंगी। आदर्श चुनाव आचार संहिता का हवाला देते हुए अपर मुख्य सचिव, प्रशासन जितेंद्र कुमार ने यह आदेश जारी किए हैं। आदेश के अनुसार निर्वाचन अवधि में सरकारी कार्यालयों से राष्ट्रपति और राज्यपाल की तस्वीरों के अतिरिक्त अन्य किसी भी राजनेताओं की तस्वीर नही होनी चाहिए। इसलिए अन्य तस्वीरों को हटाने के निर्देश जारी किये गए हैं। लेकिन आपको बताते हुए चले कि बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में अभी कुछ दिन पहले ही बरेली के सांसद संतोष कुमार गंगवार द्वारा स्कूली बच्चों को स्कूल बैग वितरित किये गए थे जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ का फोटो छपा हुआ है। जब ये स्कूली बच्चे स्कूल आते जाते हैं तो इन बैगों पर लगे फोटो भी प्रचार का काम ही कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा परिषद को इन बैगों को भी चुनाव संपन्न हो जाने तक बैन करना चाहिए था। जिले के मुख्य निर्वाचन अधिकारी का कार्य देख रहे जिला अधिकारी को इस ओर ध्यान तो देना ही चाहिए। वहीं आदर्श आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने इस पर तब ही से काम करना शुरू कर दिया था जब से चुनावों की तारीखों का ऐलान हुआ था। नगर निगम ने अपने कर्मचारियों को लगा कर शहर के तमाम पोस्टर बैनर उसी दिन से उतारना शुरू कर दिया था जिस दिन से चुनाव का नोटिफिकेशन जारी हुआ था। अब देखना बाकी है कि जारी आदेश के अनुपालन में कार्यालयों में लगे राष्टपति और राज्यपाल के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के फोटो हटाये जाते हैं या नही। क्योंकि कुछ कार्यालयों से तो महात्मा गाँधी और बाबा साहब भीम राव अंबेडकर के भी फोटो उतारे जाने लगे हैं। क्योंकि अधिकांश दफ्तरों में राष्ट्रपति और राज्यपाल के अलावा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, महात्मा गांधी और डॉ. बीआर आंबेडकर की भी तस्वीरें लगी रहती हैं। शासनादेश में महात्मा गांधी व डॉ. बीआर आंबेडकर की तस्वीरों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। फिर भी दफ्तरों से इनकी फोटो भी हटनी प्रारंभ हो गई हैं।