मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी को जानें शुभ मुहुर्तु-आचार्य राकेश पांडे मारीशस

सनातन धर्म में मकर संक्रान्ति का बहुत ही महत्व हैं ।इस त्योहार को देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता हैं।पंजाब में इसे लोहड़ी,केरल में पोंगल,गुजरात में उत्तरायण,उत्तराखण्ड में उत्तरायणी और कई स्थानों पर खिचड़ी के नाम से मनाया जाता हैं।लेकिन तमाम मान्यताओं के बाद इस त्योहार को मनाने के पीछे का तर्क एक ही रहता हैं और वह है सूर्य देव की अराधना करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
खरमास की समाप्ति
मकर संक्रान्ति के दिन सूर्य देव के मकर राशि में गोचर करने से खरमास की समाप्ति होती हैं।इसी के साथ ही विवाह आदि सभी मांगलिक कार्यों की शुरूआत हो जाती हैं।
मकर संक्रान्ति की डेट को लेकर न हों परेशान
जैसा कि इस वर्ष मकर संक्रान्ति पर्व से सम्बन्धित जानकारी को लेकर आम जनमानस में उथल पुथल है कि आखिर संक्रान्ति जन्य पुण्यकाल किस दिन मनाया जाएगा 14 जनवरी को अथवा 15 जनवरी को ? तो इस विषय मे शास्त्रीय धर्मग्रंथों के आधार पर माॅरीशस स्थित अन्तर्राष्ट्रीय रामायण सेन्टर के पुजारी आचार्य राकेश पाण्डेय जी ने बताया कि इस वर्ष 14 जनवरी की रात्रि 8:49 PM पर सूर्य देव धनु राशि को छोड़कर मकर राशि मे प्रवेश करेंगे जिसे हम ज्योतिषीय भाषा में मकर संक्रान्ति के नाम से जानते है।
ध्यान दे कि अन्य संक्रान्तियों की अपेक्षा मकर सक्रांति जन्य पुण्यकाल में पवित्र नदी में स्नान-दान आदि का विशेष महत्व शास्त्रों में वर्णित है।
निर्णयसिन्धु आदि ग्रंथों के अनुसार मकर संक्रांति का पुण्यकाल विद्वानों के मतानुसार 40 घड़ी तक रहता है।जबकि 1 घड़ी 24 मिनट के बराबर होती है अतः मकर संक्रांति जन्य पूण्य काल 40 घड़ी अर्थात 16 घण्टे तक रहेगा।अतः 15 जनवरी को ही प्रातः काल से लेकर मध्याह्न 12:49 PM तक संक्रान्ति जन्य स्नान व खिचड़ी आदि का दान किया जा सकता है इसके बाद किये जाने वाले दान का मकर संक्रांति जन्य पुण्यकाल से कोई मतलब नही रहेगा।
मकरसंक्रान्तौ हेमाद्रिमते परतश्चत्वारिंशत घटिकाः पुण्याः। माघव मते तू विंशतिः।
जब कभी सूर्यास्त के पश्चात सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते है तो संक्रान्ति जन्य पुण्यकाल अगले दिन ही मान्य होते ऐसा सभी विद्वानों का मत है ।
यद्यस्तमयवेलायाम मकरं याति भास्करः। प्रदोषे वार्द्धरात्रे वा स्नानम दानम परेहनि।।
इस प्रकार यह स्पष्ट है मकरसंक्रांति जन्य स्नान दान व खिचड़ी भोज आदि सभी कार्य 15 जनवरी को किये जायेंगे इसमे किसी भी प्रकार का कोई सन्देह नहीं हैं।

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