हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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छाया – धर्मचंद वर्मा।
कुरुक्षेत्र, 14 जनवरी :- केडीएस पिपल केयर की ओर से सिद्ध पीठ मां बगलामुखी मंदिर के तत्वाधान में शीला नगर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में पांचवे दिन शुक्रवार को कथा व्यास आर्यमन कौशिक महाराज ने श्रीकृष्ण की बाल लीला व पूतना का वध का प्रसंग सुनाया। कालिया नाग, रास लीला और गोर्वधन पूजा का वर्णन किया। आचार्य पंडित राजेश वत्स ने व्यासपीठ पर विराजमान व्यास जी का पूजन व अभिनंदन किया। मुख्य यजमान के तौर पर ब्लॉक समिति के चेयरमैन देवीदयाल शर्मा घराडसी, समाजसेवी कृष्ण चंद्र शास्त्री और ईटीओ कुलदीप शर्मा मौजूद रहे। इसके अलावा विनोद शर्मा, सौरव शर्मा, अंकुश शर्मा, अभी शर्मा, माया देवी, सावित्री देवी विशेष तौर पर मौजूद रहे। मंदिर के पुजारी पंडित राजेश वत्स ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा में शनिवार को ठाकुर जी का विवाहोत्सव प्रसंग सुनाया जाएगा। भगवान कृष्ण की बाल लीला का वर्णन करते हुए कथा व्यास आर्यमन कौशिक ने कहा कि कृष्ण के पैदा होने के बाद कंस उसको मौत के घाट उतारने के लिए अपनी राज्य की सर्वाधिक बलवान राक्षस पूतना को भेजता है। पूतना वेष बदलकर भगवान श्री कृष्ण को अपने स्तन से जहरीला दूध पिलाने का प्रयास करती है। लेकिन भगवान श्री कृष्ण उसको मौत के घाट उतार देते हैं। उसके बाद कार्तिक माह में ब्रजवासी भगवान इन्द्र को प्रसन्न करने के लिए पूजन का कार्यक्रम करने के की तैयारी करते हैं। भगवान कृष्ण द्वारा उनको भगवान इन्द्र की पूजन करने से मना
करते हुए गोवर्धन महाराज की पूजन करने की बात कहते हैं। इन्द्र भगवान उन बातों को सुनकर क्रोधित हो जाते हैं। वह अपने क्रोध से भारी वर्षा करते हैं। जिसको देखकर समस्त ब्रजवासी परेशान हो जाते हैं। भारी वर्षा को देख भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली पर उठाकर पूरे नगरवासियों को पर्वत को नीचे बुला लेते हैं। जिससे हार कर इन्द्र एक सप्ताह के बाद बारिश को बंद कर देते हैं। जिसके बाद ब्रज में भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन महाराज के जयकारों लगाने लगते हैं।
कथा व्यास आर्यमन कौशिक का तिलक करते यजमान।
कुरुक्षेत्र। कथा का श्रवण करते श्रद्धालु।
कथा सुनाते कथा व्यास आर्यमन कौशिक।