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आजमगढ़:किसानों का दर्द: भोर 4 बजे से लाइन, फिर भी नहीं मिल रही खाद, “हज़ारो बीघा जमीन,लेकिन खाद सिर्फ 450 बोरी”-किसानों का सवाल

आजमगढ़:किसानों का दर्द: भोर 4 बजे से लाइन, फिर भी नहीं मिल रही खाद, “हज़ारो बीघा जमीन,लेकिन खाद सिर्फ 450 बोरी”-किसानों का सवाल

आजमगढ़ जिले के ब्लॉक मोहम्मदपुर क्षेत्र के मंगरावां रायपुर स्थित(मेंहनगर-बिंदरा बाज़ार मार्ग ) सहकारी समिति से लगभग 10 गांव के किसानों को खाद मिलती है। लेकिन इस बार धान की फसल पर संकट गहराने लगा है। खाद की भारी किल्लत से किसान बेहद परेशान हैं।सालरूप,अब्दुल अज़ीज़,तौफीक नामक ग्रामीण ने बताया कि समिति पर मात्र 450 बोरी खाद आई है, जिसे किसानों में आज बांटा जाएगा। लेकिन किसानों का कहना है कि इतनी मात्रा से तो एक गांव की जरूरत भी पूरी नहीं हो पाएगी। “हमारे इलाके में बड़े-बड़े किसान हैं, सैकड़ों बीघा जमीन है। सिर्फ 450 बोरी खाद से धान की फसल कैसे तैयार होगी?” किसानों ने सवाल खड़े किए।स्थिति यह है कि किसान भोर के 4 बजे से लाइन में खड़े हैं। धूप और उमस के बीच घंटों इंतजार के बावजूद उन्हें यह भी नहीं पता कि खाद कब तक मिलेगी। किसानों का दर्द साफ झलक रहा है,मेहनत और समय दोनों बर्बाद हो रहे हैं, ऊपर से फसल सूखने का डर सता रहा है।किसानों का आरोप है कि सरकार ने बड़े-बड़े दावे किए थे कि किसी भी हाल में खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी। लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है। किसान दर-दर भटक रहे हैं और फसल बर्बादी की कगार पर है।किसानों का कहना है कि अगर समय रहते पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं कराई गई तो उनकी सालभर की मेहनत पर पानी फिर जाएगा। उन्होंने मांग की है कि सरकार तुरंत संज्ञान ले, वरना इस लापरवाही की कीमत किसानों को भारी नुकसान झेलकर चुकानी पड़ेगी।

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