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गीता के उपदेश दिए, आज भी पूर्णतः प्रासंगिक: प्रो. पंकज अरोड़ा

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

नौ राज्यों के प्रतिनिधिमंडल ने लिया ब्रह्म सरोवर पर आयोजित आरती कार्यक्रम में भाग।

कुरुक्षेत्र, 29 अप्रैल : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन, हरियाणा स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में शिक्षक शिक्षा में परिवर्तन विकसित भारत 2047 की दिशा विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में नौ राज्यों के भाग लेने वाले प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार देर सायं ब्रह्म सरोवर पर पूजा-अर्चना की और आरती में भी शामिल हुए। इस अवसर पर एनसीटीई के चेयरमैन प्रो. पंकज अरोड़ा ने कहा कि कुरुक्षेत्र की इस पावन धरा पर पांव रखते ही आध्यात्मिकता और भगवान श्रीकृष्ण आशीर्वाद की अनुभूति होती है। इस धरा पर हजारों वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने गीता के उपदेश दिए, जो आज भी पूर्णतः प्रासंगिक है। इन उपदेशों का अनुसरण करने के लिए पूरे विश्व के नागरिकों को भी प्रेरित और जागरूक करने की जरूरत है।
ब्रह्म सरोवर पर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड (केडीबी) की ओर से मदन मोहन छाबड़ा, अशोक रोशा एवं ऋषिपाल मथाना ने एनसीटीई के चैयरमेन प्रो. पंकज अरोड़ा, एनसीटीई की सदस्य सचिव अभिलाषा झा मिश्रा सहित सभी विद्वानों का सम्मान किया । इस अवसर पर डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. दिनेश कुमार, डीन ऑफ कॉलेजिज प्रो. ब्रजेश साहनी, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया, डॉ. संगीता धीर सहित गणमान्य लोग मौजूद थे।

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