हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877
छाया – धर्मचंद वर्मा।
कुरुक्षेत्र, 16 जनवरी :- केडीएस पिपल केयर की ओर से मां भगवती मां पीताबंरा देवी मंदिर शीला नगर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में रविवार को कथा व्यास आर्यमन कौशिक महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण व सुदामा की मित्रता का प्रसंग सुनाया। सातवें दिन कृष्ण के अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया गया। मुख्य यजमान विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत संस्कृत प्रमुख एवं हरियाणा ब्राह्मण धर्मशाला कुरूक्षेत्र के पूर्व उपप्रधान रमेश शास्त्री, मिथलेश देवी, सौरभ शर्मा, नेहा पाराशर, पुष्पेन्द्र शास्त्री ने दीप प्रज्जवलित कर कथा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर डॉ. शिवकुमार, कृष्ण चंद्र शास्त्री, ज्योतिष आचार्य अमित मोदगिल, महेश शर्मा, मनीष शर्मा, अमित शर्मा, दीपक शर्मा, पवन शर्मा, केशव शर्मा, परमेश्वरी देवी, माया देवी, अवंतिका, चंचल वत्स ने व्यासपीठ पर विराजमान व्यास जी का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कथा व्यास आर्यमन कौशिक ने बताया कि मित्रता कैसे निभाई जाए यह भगवान श्री कृष्ण सुदामा जी से समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने सखा से मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे। उन्होंने कहा कि सुदामा द्वारिकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं। इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है। अपना नाम सुदामा बता रहा है। जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना प्रभु सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया और सुदामा को अपने महल में ले गए ओर उनका अभिनंदन किया। इस दृश्य को देखकर श्रोता भाव विभोर हो गए। उन्होंने सुदामा और कृष्ण की झांकी पर फूलों की वर्षा की। पंडित राजेश वत्स ने बताया कि सोमवार को विद्यापीठ में हवन एवं भंडारा लगाया जाएगा।
कथा सुनाते कथा व्यास आर्यमन कौशिक।