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उत्तराखंड देहरादून भविष्य की जल चुनौतियों से निपटने के लिए सामाजिक जागरूकता और सहभागिता जरूरी, प्रो.दुर्गेश पंत

सागर मलिक

यूकॉस्ट में राज्य स्थापना दिवस सप्ताह के अंतर्गत “वॉटर रिसोर्स मैनेजमेंट इन इंडियन हिमालयन रीजन” विषय पर व्याख्यान

देहरादून। उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) द्वारा उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस सप्ताह के अंतर्गत आज यूकॉस्ट सभागार में जल शिक्षा कार्यक्रम में “वॉटर रिसोर्स मैनेजमेंट इन इंडियन हिमालयन रीजन” विषय पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने अपने संबोधन में कहा कि यूकॉस्ट द्वारा राज्य के 100 जल स्रोतों, जलधारों आदि के वैज्ञानिक अध्ययन, प्रबंधन, पुनर्जीवन की दिशा में कार्य प्रारंभ किया गया है । इस दिशा में सामाजिक सहभागिता एवं विभिन्न वैज्ञानिक संस्थाओं के सहयोग से कार्य किया जा रहा है । प्रो. पंत ने कहा कि भविष्य की जल चुनौतियों से निपटने के लिए सामाजिक जागरुकता और सहभागिता बहुत आवश्यक है।

यूकॉस्ट के संयुक्त निदेशक डॉ डी.पी. उनियाल ने कहा स्वागत संबोधन में कहा कि यूकॉस्ट द्वारा जल संरक्षण संबंधी विभिन्न वैज्ञानिक कार्यक्रमों व परियोजनाओं के माध्यम से कार्य किया जा रहा है । उन्होंने परिषद के वैज्ञानिक कार्यक्रमों के विषय में भी बताया । कार्यक्रम संयोजक यूकॉस्ट के वैज्ञानिक डॉ भवतोष शर्मा ने कार्यक्रम के विषय विशेषज्ञ टाटा ट्रस्ट के “वॉटर सैनिटेशन एंड हाइजीन (वाश) कार्यक्रम के प्रबंधक डॉ. सुनेश शर्मा का स्वागत एवं परिचय कराते हुए यूकॉस्ट के “जल शिक्षा कार्यक्रम” के विषय में उपस्थित प्रतिभागियों को बताया । डॉ. शर्मा ने कहा कि भविष्य की जल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी, तकनीकी, भारतीय पारंपरिक जल विज्ञान संबंधी ज्ञान के संयुक्त समन्वयन से इस दिशा में ठोस कार्य करने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम के विषय विशेषज्ञ टाटा ट्रस्ट के प्रबंधक एवं वैज्ञानिक डॉ सुनेश शर्मा ने “वॉटर रिसोर्स मैनेजमेंट इन इंडियन हिमालयन रीजन” विषय पर व्याख्यान के माध्यम से हिमालय राज्यों विशेषकर उत्तराखंड की जल चुनौतियां, जल समस्याओं, उत्तराखंड की पारंपरिक जल प्रबंधन प्रणाली, राज्य का नदी जल तंत्र, जलधारे, जलागम प्रबंधन, जलधारों के पुनर्जीवन के तरीके, राज्य की हाइड्रोजियोलॉजी, उत्तराखंड राज्य में संचालित “सारा (SARA) और ‘टाटा ट्रस्ट’ के द्वारा संयुक्त रूप से किए जाने वाले कार्यों आदि पर विस्तार से बताते हुए प्रतिभागियों के प्रश्नों का समाधान भी बताया।

कार्यक्रम में यूकॉस्ट के एमेरिटस वैज्ञानिक डॉ पीयूष गोयल, विनोद कुमार ओझा, डॉ मनमोहन सिंह रावत, महानिदेशक सचिवालय के अधिकारी अमित पोखरियाल, डॉ ओ.पी. नौटियाल, डॉ जगबीर असवाल, विकास नौटियाल, मनोज कन्याल, रामदेव घुनियाल, राजदीप जंग, दिव्य हिमगिरि के कुंवरराज अस्थाना सहित उत्तराखंड राज्य के विभिन्न शिक्षण संस्थाओं, विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों के स्नातक स्नातकोत्तर छात्र-छात्राएं, शोधार्थी एवं यूकॉस्ट के ‘पर्यावरण एवं विज्ञान चेतना केंद्र’ के शिक्षक एवं माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों सहित 100 से अधिक लोगों ने सामूहिक एवं व्यक्तिगत रूप से ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम का संचालन यूकॉस्ट वैज्ञानिक डॉ भवतोष शर्मा ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन वैज्ञानिक अधिकारी डॉ मनमोहन सिंह रावत ने किया

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