शराबबंदी पर क्यो है सरकार का रवैया सख्त,मंत्री है परेशान
PATNA:
नालंदा में कथित जहरीली शराब से 11लोगों की मौत की घटना ने एक बार फिर सियासत को गर्मी दे दी है। सत्ताधारी दल की सहयोगी भाजपा और हम के नेताओं ने इसको लेकर सरकार को घेरा है। अरसे से शराबबंदी कानून की समीक्षा की मांग करने वाले पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने एक बार फिर इसका राग अलापा है। मांझी ने कहा कि जब केंद्र सरकार कृषि कानून वापस ले सकती है तो फिर बिहार सरकार क्यों अड़ी हुई है। नीतीश कुमार जी (CM Nitish Kumar) इसे नहीं समझ पा रहे हैं। इसे अपनी प्रतिष्ठा का विषय बना लिए हैं।
शराब नीति की चाहते हैं समीक्षा
जीतन राम मांझी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि माननीय नीतीश कुमार जी पता नहीं क्यों समझ नहीं पा रहे हैं। इसे प्रतिष्ठा का विषय बना लिए हैं। जब प्रधानमंत्री कृषि कानूनों को वापस ले सकते हैं तो शराब की नीति पर समीक्षा न किया जाए, यहां की बात है। समीक्षा करना ही हमलोग चाहते हैं। आज नालंदा में हुआ, कल गोपालगंज में हुआ, कहां नहीं होगी मौत, कहा नहीं जा सकता। मांझी तो समीक्षा तक ही रह गए लेकिन हम के प्रवक्ता ने दानिश रिजवान ने कानून की वापसी की मांग कर दी है। उन्होंने कहा कि हमारे दल का स्पष्ट मानना है कि जब केंद्र सरकार कृषि कानू वापस ले सकती है तो शराबबंदी कानून वापस लेने में बिहार सरकार क्यों कतरा रही है। किसी कानून की वापसी को प्रतिष्ठा का सवाल नहीं बनाना चाहिए। आज जिस तरह सूबे के हर जिले में जहरीली शराब बिक रही है, लोगों की मौत हो रही है। यह सरकार के उपर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है।
बता दें कि पूर्व में भी जीतन राम मांझी शराबबंदी कानून में संशोधन करने की मांग करते आए हैं। पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि गरीबों को बड़े लोगों की तरह थोड़ी-थोड़ी शराब पीनी चाहिए। हालांकि, बाद में सीएम नीतीश कुमार ने इस पर कड़ा प्रतिकार किया था।