बालिकाओं के समग्र विकास से ही भारत का भविष्य उज्जवल होगा : डा. श्रीप्रकाश मिश्र
बालिकाओं के समग्र विकास से ही भारत का भविष्य उज्जवल होगा : डा. श्रीप्रकाश मिश्र।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में मातृभूमि सेवा मिशन के तत्वावधान में मातृभूमि शिक्षा मंदिर द्वारा बालिका संवाद कार्यक्रम संपन्न।
कुरुक्षेत्र 24 जनवरी : समाज में बालिकाओं का सर्वाधिक महत्व है क्योंकि वे अपने परिवार, समुदाय, और देश के निर्माण में अहम भूमिका निभाती हैं। शिक्षित बालिकाएं आत्मनिर्भर होती है और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होती हैं। वे समाज के हर क्षेत्र में सुधार लाने में सक्षम हो सकती हैं। बालिका शिक्षा का मतलब है पूरे परिवार की शिक्षा। शिक्षा किसी भी देश के आर्थिक विकास और सामाजिक विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाती है। इनमें, किसी भी देश की समग्र प्रगति के लिए पुरुष और महिलाएं समान रूप से जिम्मेदार हैं। इसलिए लड़कियों की शिक्षा महत्वपूर्ण है क्योंकि वे समाज एवं राष्ट्र की वास्तविक निर्माता हैं। यह विचार राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में मातृभूमि शिक्षा मंदिर द्वारा आयोजित बालिका संवाद कार्यक्रम में मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने व्यक्त किये। कार्यक्रम का शुभारम्भ महाराणा प्रताप पब्लिक स्कूल की बालिकाओं द्वारा भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन से हुआ। राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में मातृभूमि शिक्षा मंदिर द्वारा आयोजित बालिका संवाद कार्यक्रम में सभी छात्राओं को मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा सम्मानित किया गया। मातृभूमि शिक्षा मंदिर एवं महाराणा प्रताप पब्लिक स्कूल के बच्चों ने संयुक्त रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा भारत में हर साल 24 जनवरी को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय बालिका दिवस, लड़कियों के अधिकारों, शिक्षा और कल्याण पर केंद्रित करने के लिए समर्पित एक महत्वपूर्ण अवसर है।
राष्ट्रीय बालिका दिवस, लड़कियों के अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने का एक अवसर है, कि उन्हें लिंगभेद से मुक्त होकर, समान अवसर और सहायता प्रदान की जाए। यह दिन लड़कियों द्वारा सामना की जाने वाली असमानताओं को उजागर करने, के लिए शिक्षा को बढ़ावा देने और समाज को लड़कियों को समान मानने और उनका सम्मान करने के लिए प्रोत्साहित करने का भी प्रयास करता है।
इसका मुख्य लक्ष्य लड़कियों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण को बदलने, कन्या भ्रूण हत्या जैसे मुद्दों को संबोधित करने, घटते लिंगानुपात के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लड़कियों के लिए अधिक समावेशी और न्यायसंगत वातावरण को बढ़ावा देने पर है।
डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा
लड़कियों का समग्र विकास सुनिश्चित करना, न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत भलाई के लिए, बल्कि समाज की सामूहिक उन्नति के लिए भी ज़रूरी है। खासकर, एक अधिक न्यायसंगत भविष्य के निर्माण के लिए, लड़कियों के अधिकारों और अवसरों को पहचानना तथा उनका समर्थन करना बेहद जरूरी है। आज आवश्यकता है जो बालिकाओं का सब प्रकार से समग्र विकास किया जाय, उन्हे सभी प्रकार के अवसर एवं संसाधन उपलब्ध कराया जाय। जिससे देश की समस्त बालिकाएं आत्मनिर्भर एवं विकसित भारत के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके। कार्यक्रम का संचालन मास्टर बाबूराम ने किया। महाराणा प्रताप स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती सीमा वत्स, शिक्षिका रतिंदर कौर एवं चेतना शर्मा ने मातृभूमि सेवा मिशन के समस्त सेवा प्रकल्पों की भूरि भूरि प्रशंसा की। आभार ज्ञापन सुरेंद्र सिंह ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ। कार्यक्रम में मिशन के सदस्य, शिक्षक, विद्यार्थी सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे।