उत्तराखंड का प्रथम डेडीकेटेड कम्प्यूटर रजिस्ट्री कियोस्क की शुरुआत,जमीन की धोखाधड़ी पर कसेगी नकेल

सागर मलिक
सार:देहरादून के डीएम सविन बंसल ने कहा कि जन सुनवाई और पब्लिक फोरम में ऐसी कई शिकायतें मिलती हैं, जो जमीन की धोखाधड़ी से जुड़ी होती हैं. जमीन के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाई गई है,
विस्तार:देहरादून. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अक्सर जमीन की धोखाधड़ी से जुड़े मामले सामने आते रहते हैं. इन्हें रोकने के लिए और जनमानस को उस जमीन से जुड़ी जानकारी देने के लिए राज्य का पहला डेडिकेटेड कंप्यूटर कियोस्क सेंटर बनाया गया है, जिसके जरिए जमीन खरीदने से पहले खरीदार रजिस्ट्री लैंड रिकार्ड देख सकते हैं यानी उन्हें इसकी हिस्ट्री का भी पता चल जाएगा. देहरादून के रजिस्ट्री ऑफिस के पास बना राज्य का प्रथम डेडिकेटेड कंप्यूटर कियोस्क पर सामान्य नागरिक ई-रजिस्ट्रेशन वेबसाइट से जमीन से संबंधित जानकारी मिल सकेगी. जिला प्रशासन की इस पहल से कियोस्क के जरिये बिचौलियों और दलालों की चेन भी टूट जाएगी और पारदर्शिता के साथ व्यक्ति जमीन की खरीदारी कर पाएगा.
देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस बारे में कहा कि जन सुनवाई और पब्लिक फोरम में कई ऐसी शिकायतें मिलती हैं, जो जमीन की धोखाधड़ी से संबंधित होती हैं. भूमि फर्जीवाड़े को रोकने के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाई गई है, जिससे जनता को धोखाधड़ी से बचाने के साथ-साथ जागरूक किया जा सके. इसके लिए राज्य का पहला डेडिकेटेड कंप्यूटर कियोस्क तैयार हो गया है. जल्द ही इसका लोकार्पण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जमीन से जुड़ी जानकारी जनता को उपलब्ध कराना हमारा दायित्व है ताकि उन्हें पता चल सके कि इस जमीन का असली मालिक कौन है और यह जमीन किस तरह की है.
कार्यालयों में लगेंगे फ्लेक्स और पोस्टर
बताते चलें कि पिछले साल नवंबर में डीएम सविन बंसल ने एक बैठक करते हुए डेडिकेटेड कंप्यूटर कियोस्क सेंटर तैयार करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद रजिस्ट्रार कार्यालय के पास ही कंप्यूटर कियोस्क तैयार किया गया. इसपर नागरिक जमीन की रजिस्ट्री से पहले ही ई-रजिस्ट्रेशन वेबसाइट,
से भूमि संबंधी जानकारी ले सकेंगे. इस तरह डेडिकेटेड कंप्यूटर कियोस्क बिचौलियों और दलालों के धंधे को चौपट कर देगा. लोगों में जागरूकता लाने के लिए रजिस्ट्री से पूर्व किन-किन बिन्दुओं का ध्यान रखना है, इसके लिए कार्यालयों में फ्लेक्स और पोस्टर लगाए जाएंगे. जिलाधिकारी ने रजिस्ट्री संबंधित अधिकारियों को भूमि क्रय-विक्रय से पहले ही खाता खतौनी, पहचान पत्र आदि का
सही तरीके से सत्यापन करने के निर्देश भी दिए हैं.