गीता जयंती महोत्सव 2025 के लिए हुआ जयराम विद्यापीठ में विधिवत श्री हनुमत ध्वजारोहण

गीता जयंती महोत्सव 2025 के लिए हुआ जयराम विद्यापीठ में विधिवत श्री हनुमत ध्वजारोहण
श्री जयराम विद्यापीठ में संकट मोचन भगवान श्री राम परम भक्त हनुमान के गुणगान के साथ हुआ गीता जयंती महोत्सव का आगाज।
भगवान श्री राम भक्त वीर हनुमान महाभारत युद्ध के साक्षी व भगवान श्री कृष्ण एवं अर्जुन के रथ पर ध्वजवाहक रहे हैं : ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी।
कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 22 नवम्बर : देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि संत हमेशा समाज के कल्याण एवं सेवा के लिए हर क्षण तैयार रहते हैं। भारतीय संस्कृति के अनुसार धार्मिक आयोजन संतों महापुरुषों के द्वारा ही होते हैं। उन्होंने कहा कि गुरु परम्परा अनुसार श्री जयराम विद्यापीठ में हर धार्मिक एवं सामाजिक कार्य वीर हनुमान की पूजा से ही शुरू होता है। वह हर कार्य सफल होता है जहां भगवान श्री राम के परम भक्त वीर हनुमान विराजमान हों। धर्म की भावना के साथ विश्वास होता है। इस मौके पर जयराम संस्थान की 40 वर्षों से भी अधिक समय से चली आ रही गुरु परम्परा के अनुसार परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने भगवान श्री राम के परम भक्त वीर हनुमान का आहवान कर श्री हनुमत ध्वजारोहण किया और विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना करते हुए गीता जयंती महोत्सव 2025 का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर अनेकों ऋषि कुमार, विद्यापीठ के ट्रस्टी तथा गणमान्य नागरिक भी मौजूद थे। विद्यापीठ में श्री हनुमत पूजन, ध्वजारोहण एवं गीता पाठ के उपरांत परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने चार दशकों से गुरु प्रेरणा एवं परम्परा के अनुसार विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पूजन किया। ब्रह्मचारी ने ध्वजारोहण एवं पूजन के उपरांत कहा कि कुरुक्षेत्र तो भगवान श्री कृष्ण के श्री मुख से उत्पन्न पावन गीता की जन्मस्थली एवं कर्म भूमि है। यहां प्रतिदिन गीता उत्सव का आयोजन किया जाना चाहिए। ब्रह्मचारी ने बताया कि इस सृष्टि में कोई भी मंगल एवं महान कार्य वीर हनुमान के बिना सम्पन्न नहीं किया जा सकता है। महाभारत के युद्ध में भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन के रथ का ध्वज भी भगवान श्री राम भक्त वीर हनुमान के हाथ में ही था। रावण पर भगवान श्री राम की विजय में भी वीर हनुमान का श्रेय था। जहां भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान विराजमान हो जाएं तो वह भूमि आस्था, धर्म भावना तथा विश्वास की भूमि होती है। उन्होंने बताया कि वर्षों से विद्यापीठ की परम्परा एवं विश्वास है कि भगवान श्री राम भक्त हनुमान के विद्यामान रहते हुए गीता ज्ञान महायज्ञ के सभी कार्य निर्विघ्न सम्पन्न होते हैं। गीता जयंती महोत्सव के धर्म रथ पर स्वयं वीर हनुमान विराजमान होते हैं। ब्रह्मचारी ने कहा कि वे तो सेवक के रूप में गुरु परम्परा के अनुसार संतों की सेवा कर रहे हैं। गीता जयंती महोत्सव तो पूरे समाज का सांझा अनुष्ठान है। उन्होंने कहा कि यह सेवा संस्कार की भावना गुरुओं की प्रेरणा एवं संत महापुरुषों की सेवा से मिली है। गीता जयंती उत्सव पर एक ही भावना रहती है कि सभी के मन में गीता उतरे। परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी द्वारा गीता जयंती महोत्सव 2025 के लिए ब्रह्मसरोवर के तट पर श्री जयराम विद्यापीठ परिसर में विद्वान-ब्राह्मणों तथा ऋषि कुमारों द्वारा भगवान श्री रामभक्त वीर हनुमान का गुणगान करते हुए श्री हनुमत ध्वजारोहण किया। ब्रह्मचारी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने गीता का संदेश केवल अर्जुन को ही नहीं बल्कि अर्जुन के माध्यम से पूरी सृष्टि के सभी प्राणियों को दिया था। ब्रह्मचारी ने बताया कि 25 नवम्बर से 1 दिसम्बर तक विद्यापीठ में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे। आज गीता जयंती महोत्सव का आगाज हो गया है। उन्होंने बताया विद्यापीठ में राज्य स्तरीय अंतर विद्यालय सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतियोगिताएं, संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा, संत महापुरुषों के आशीर्वाद से गरीब परिवारों की कन्याओं का सामूहिक विवाह समारोह सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे। ब्रह्मचारी ने बताया कि हर वर्ष की भांति विशाल हास्य कवि सम्मेलन होगा। इस कवि सम्मेलन में देश कई महान एवं विख्यात हास्य कवि अपनी प्रस्तुतियां देंगे। विद्यापीठ में इस अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता जय भगवान शर्मा डीडी, प. अनिल शास्त्री, श्री जयराम शिक्षण संस्थान के उपाध्यक्ष एवं सेवानिवृत आयुक्त टीके शर्मा, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, कुलवंत सैनी, केके कौशिक, आचार्य बलराम गौतम, आचार्य सोमनाथ गौतम, टेक सिंह, श्रवण गुप्ता, राजेंद्र सिंघल, ईश्वर गुप्ता, सुरेंद्र गुप्ता, राजेश सिंगला, जयराम संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य रणबीर भारद्वाज, गौरव मित्तल, मुनीश मित्तल, यशपाल गौतम, विजय सभरवाल, रजनीश गुप्ता, जयराम महिला मंडल की संगीता शर्मा, संतोष यादव, सुशील कंसल, सतबीर कौशिक, रोहित कौशिक, विनोद कुमार, सुनील गोरी, विवेक भारद्वाज डब्बू इत्यादि भी मौजूद इत्यादि मौजूद रहे।
श्री जयराम विद्यापीठ में गीता जयंती महोत्सव के लिए पूजन करते हुए परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी व अन्य। श्री हनुमत ध्वजारोहण करते हुए परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी।




