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व्रत आज 13 जनवरी गुरुवार को।
कुरुक्षेत्र :- महाकाल ज्योतिष केंद्र के संचालक धर्मचंद ज्योतिषाचार्य ने आज पौष माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-उपासना की जाती है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से दंपत्ति को संतान की प्राप्ति होती है। संतान प्राप्ति की कामना करने वाले साधकों को पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए।
एकादशी के व्रत को शास्त्रों में बहुत पुण्यदायी और श्रेष्ठ व्रतों में से एक माना है। हर माह में दो एकादशी होती हैं। सभी एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित हैं और सभी एकादशियों के नाम और महत्व अलग अलग होते हैं। इस वर्ष की पहली एकादशी 13 जनवरी गुरुवार को आज है।
एकादशी व्रत का महत्व –
पुत्रदा एकादशी के व्रत को नि:संतान दंपतियों के लिए उत्तम माना गया है। इस व्रत को करने से योग्य संतान की प्राप्ति होती है। साथ ही जो लोग इस व्रत को अपनी संतान की सलामती के लिए रखते हैं, उनके बच्चों को दीर्घायु के साथ जीवन में काफी उन्नति मिलती है। उनके बच्चे काफी तरक्की करते हैं और परिवार का नाम रोशन करते हैं।