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भारतीय संस्कृति एवं परम्पराओं के अनुसार हर त्यौहार का विशेष महत्व है

भारतीय संस्कृति एवं परम्पराओं के अनुसार हर त्यौहार का विशेष महत्व है।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

धार्मिक परम्पराओं के अनुसार होलाष्टक की अवधि बेहद महत्व रखती है।

कुरुक्षेत्र, 7 मार्च : भारतीय संस्कृति एवं परम्पराओं के अनुसार हर त्यौहार का विशेष महत्व है। होली के त्यौहार को भी उल्लास एवं खुशी के साथ मनाया जाते है। होली के त्यौहार से पहले धार्मिक परम्पराओं के अनुसार होलाष्टक की अवधि बेहद महत्व रखती है। यह अवधू 7 मार्च से 13 मार्च तक होलाष्टक है। श्री राधा रमण बिहारी मंदिर विवेकानंद कालोनी ढांड रोड़ कुरुक्षेत्र के पंडित राजेश कौशिक ने बताया कि होलिका दहन तक सभी शुभ कार्य वर्जित रहेंगे। उन्होंने कहा कि होलिका दहन से आठ दिन पहले हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र भगत प्रहलाद को भगवान श्री हरि विष्णु जी की पूजा से रोकने के लिए बहुत यातनाएं दी थी। होलाष्टक फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होता है और इसका समापन फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होता है। होलाष्टक की समाप्ति होलिका दहन के साथ होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान मांगलिक कार्य करने से उसमें असफलता मिलती है। इसके साथ ही जीवन में नकारात्मकता आती है।
पंडित राजेश कौशिक पूजन करते हुए।

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