हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र :- पैरों पर खड़ा होने की उम्मीद छोड़ चुकी सुनील कुमारी अब चलने-फिरने लगी है। यह संभव हुआ है आयुर्वेदिक इलाज से। पानीपत निवासी सुनील कुमारी के परिजन उसे व्हीलचेयर पर श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल में लेकर आए थे। एसोसिएट प्रोफेसर व पंचकर्म विशेषज्ञ डॉ. राजा सिंगला द्वारा दिए गए नियमित उपचार के बाद अब सुनील कुमारी को जीने की नई किरण दिखाई दी है।
सुनील कुमारी की रीढ़ की हड्डी के कैनाल का डायामीटर 5.6 एमएम तक सिकुड़ गया था। जिसके कारण उन्हें पीठ में दर्द, पैरों में दर्द, सूनापन आदि लक्षण रहने लगे। वह धीरे-धीरे चलने-फिरने में असमर्थ होकर चारपाई पर आ गई। कई बड़े अस्पतालों में इलाज करवाया। मगर स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया। खाना-पीना सब बैड पर ही दिया जाता था। डॉक्टरों द्वारा उन्हें ऑपरेशन करवाने की सलाह दी गई।
इस बीच परिजनों ने अखबार में खबर के माध्यम से श्री कृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल एवं कॉलेज के डॉ. राजा सिंगला के बारे में पता चला। डॉ. राजा सिंगला ने तीन महीने के अंतराल में दो बार पंचकर्म थेरेपी के साथ-साथ आयुर्वेदिक औषधियों से उपचार किया। पहली पंचकर्म थेरेपी के बाद सुनिल कुमारी उठने-बैठने लगी। दूसरी थैरपी में वह खुद अपने पांव पर चलकर घर आई। जिसमें किसी भी प्रकार की पेन किलर दवा का सेवन रोगी को नहीं करवाया गया। अब सुनिल कुमारी बीना सहारे के चल-फिर सकती है।
पानीपत निवासी सुनिल कुमारी ने बताया कि यह मेरे और पूरे परिवार के लिए किसी चमत्कार जैसा है। साल 2013 से मुझे कमर में दर्द रहने लगा। नियमित रूप से कई बड़े अस्पतालों से इलाज चला। 2020 में तो बैड पर आने के बाद उम्मीद भी टूट चुकी थी। मगर डॉ. राजा सिंगला और उनकी टीम द्वारा दी गई पंचकर्म थेरेपी से फिर एक बार जीने की उम्मीद जगी है। अब खुद चल-फिर, उठ-बैठ सकती हूं। इलाज अभी भी चल रहा है।
डॉ. राजा सिंगला ने बताया पानीपत निवासी सुनिल कुमारी श्रीकृष्णा राजकीय अस्पताल में इलाज के लिए अक्टूबर महीने की आठ को आई थी। जो स्पाइन कैनाल स्टेनोसिस की बीमारी से ग्रसित थी। सुनिल कुमारी रीढ़ की हड्डी के कैनाल का डायामीटर 5.6 एमएम तक सिकुड़ गया था। तीन महीने पहले उसका इलाज शुरू हुआ। पंचकर्म, औषधीय कल्प और आयुर्वेदिक द्रव्यों से साधित औषधि लेने से आज वह बिल्कुल ठीक है।
श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलदेव कुमार ने कहा कि आयुर्वेद में हर बीमारी का इलाज संभव है। आयुर्वेद में रोग के लक्षण पहचान कर उसको जड़ से खत्म किया जाता है। हमारे संस्थान का प्रयास है प्रदेश के हर निवासी को बेहतर इलाज व सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। इसमें महती भूमिका अस्पताल के डॉक्टर निभा रहे हैं।