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भगवान श्री परशुराम जी के जन्मोत्सव पर श्रीमद् भागवत कथा में स्वामी विनायक शास्त्री जी ने श्रीमद् भागवत पुराण के 6 मुख्य प्रश्न और उसी में श्रीमद् भागवत पुराण की पूरी कथा का वर्णन बताया

भगवान श्री परशुराम जी के जन्मोत्सव पर श्रीमद् भागवत कथा में स्वामी विनायक शास्त्री जी ने श्रीमद् भागवत पुराण के 6 मुख्य प्रश्न और उसी में श्रीमद् भागवत पुराण की पूरी कथा का वर्णन बताया

(पंजाब) फिरोजपुर 25 अप्रैल [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]=

नमक मंडी स्थित भगवान श्री परशुराम मंदिर में भगवान श्री परशुराम जी के जन्मोत्सव के द्वितीय दिन श्रीमद् भागवत कथा में वृंदावन से पहुंचे स्वामी विनायक शास्त्री ने अपने प्रवचनों में अगले दिन की व्याख्या करते हुए उन्होंने भागवत जी के छह मुख्य प्रश्न जिसमें उसी में संपूर्ण श्रीमद् भागवत कथा है। भगवान विष्णु के 24 अवतारों की कथा नारद जी के पूर्व दासी पुत्र जन्म की कथा कुंती प्रसंग जी पांडवों का स्वर्गारोहण और परीक्षित द्वारा कलयुग को पांच स्थान देने की प्रसंग सुनाए । अपने प्रवचनों में स्वामी विनायक शास्त्री ने कहा श्रीमद् भागवत पुराण के छह मुख्य प्रश्न और उसी में श्रीमद् भागवत पुराण की पूरी कथा का वर्णन किया गया है। उन्होंने बताया की प्राणी कल्याण कैसे हो सकता है, जीवन का सर क्या है, भगवान सर्व समर्थ होते हुए भी अवतार क्यों लेते हैं, कुल कितने अवतार हुए, कौन सा शास्त्र सर्वश्रेष्ठ है, भगवान के गोलोक धाम जाने के बाद धर्म किसकी शरण में गया। उन्होंने अपने प्रवचन में बताया कि भागवत कथा सुनकर, भगवान की भक्ति करके और उनके नाम का स्मरण करके प्राणी कल्याण प्राप्त कर सकता है। जीवन का सर भगवान की भक्ति ज्ञान और वैराग्य है, भगवान धर्म की स्थापना प्राणियों के कल्याण के लिए अवतार लेते हैं । श्रीमद् भागवत कथा में भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों का वर्णन किया गया है और भागवत को ही सबसे श्रेष्ठ शास्त्र माना गया है क्योंकि यह भगवान के स्वरूप और लीलाओं का वर्णन करता है। श्री कृष्ण के पृथ्वी से जाने के बाद धर्म ने वैराग्य की शरण ली जिस धर्म की रक्षा हुई। भगवान विष्णु ने धर्म की स्थापना और धर्म का विनाश करने के लिए 24 अवतार लिए इन में से मत्स्य, कूर्म, वाराह, नरसिंह, वामन, परशुराम ,राम,कृष्ण, बुद्ध और कल्कि अवतार विभिन्न युगों प्रकट हुए जिनका कार्य धर्म ग्रंथो से मिलता है । मत्स्य अवतार में भगवान विष्णु ने प्रलय के मनु को बचाया , कूर्म अवतार में भगवान विष्णु ने कछुए का रूप धारण कर समंदर मंथन के दौरान मंदार पर्वत को सहारा दिया। वराह अवतार में भगवान ने सूअर का रूप धारण कर धरती को समंदर से बचाया। नरसिंह अवतार में भगवान विष्णु में आधा मानव और आधा सिंह का रूप धारण किया और हिरण्यकश्यप राक्षस का वध किया। वामन अवतार में भगवान ने एक छोटे ब्राह्मण का रूप धारण कर राजा बलि से तीन पद भूमि मांगी । छठे अवतार में भगवान विष्णु ने श्री परशुराम जी का रूप धारण कर क्षत्रियों का विनाश किया । सातवें अवतार में श्री राम का रूप धारण कर लंका पति राजा रावण का वध कर धर्म की स्थापना की। आठवें रूप में भगवान ने श्री कृष्ण का रूप धारण कर विभिन्न लीलाएं की महाभारत का युद्ध कर धर्म की स्थापना की। इसी प्रकार भगवान विष्णु ने धर्म की स्थापना के लिए अवतार लिए। इसी प्रकार स्वामी विनायक शास्त्री अपने प्रवचनों में बताते हैं कि नारद जो ब्रह्मा जी के मानस पुत्र हैं उन्हें दासी पुत्र का श्राप कैसे मिला नारद ने विवाह करने से मन कर दिया था इसलिए ब्रह्मा जी ने उन्हें शुद्र योनि में जन्म लेने का श्राप दिया। इसी प्रकार स्वामी विनय शास्त्री ने पांडवों का स्वर्गारोहण, परीक्षा द्वारा कलयुग को पांच स्थान देना के प्रसंग भी व्याख्या पूर्ण सुनाएं इस अवसर पर जेनेसिस अमनदीप अस्पताल के फैसिलिटी डायरेक्टर अभिषेक अरोड़ा और उनकी पत्नी नीरू अरोड़ा ने श्रीमद् भागवत कथा का आनंद लिया। इस मौके पर अरुण मच्छराल, परमवीर शर्मा, दविंदर बजाज, वीरेंद्र शर्मा काकू, राजेश वासुदेव, सूरज कुमार ,आदि उपस्थित रहे।

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