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जिले में दलहन-तिलहन के क्षेत्र में उछाल, धान के रकबे में कमी

किसानों में बढ़ा भरोसा-अब धान के साथ दलहन, तिलहन फसलों की ओर रुझान

तिलहन के क्षेत्रफल में 21 प्रतिशत तो मूंगफली के रकबे में करीब 39 प्रतिशत की वृद्धि

कोरिया 15 अक्टूबर 2025/ छत्तीसगढ़ में विगत वर्ष धान की बंपर पैदावार के बावजूद अब किसानों में पारंपरिक फसलों के साथ अन्य फसलों की ओर रुझान बढ़ने लगा है। कोरिया जिले के किसान अब धान के अलावा दलहन, तिलहन की खेती में भी रुचि ले रहे हैं, जिससे फसल विविधीकरण की दिशा में एक सकारात्मक परिवर्तन देखा जा रहा है।

धान के रकबे में कमी
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, खरीफ वर्ष 2024-25 में जिले में 33,842 हेक्टेयर में धान की बुवाई की गई थी, जबकि वर्तमान खरीफ वर्ष 2025-26 में 32,920 हेक्टेयर में धान बोए गए हैं। इस प्रकार 922 हेक्टेयर क्षेत्रफल में (2.75 प्रतिशत) कमी दर्ज की गई है।

दलहन-तिलहन के रकबे में वृद्धि
जिले में दलहन और तिलहन फसलों के रकबे में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। विगत वर्ष 9,194 हेक्टेयर में दलहन की खेती की गई थी, जबकि इस वर्ष यह बढ़कर 9,730 हेक्टेयर हो गई है यानि 536 हेक्टेयर (5.82 प्रतिशत) की वृद्धि की गई है।  वर्ष 2024 में 1,874 हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहन की बुवाई हुई थी, जबकि वर्तमान वर्ष में यह बढ़कर 2,272 हेक्टेयर तक पहुँच गई है यानी 398 हेक्टेयर (21.23 प्रतिशत) की बढ़ोतरी हुई है।

मूंगफली फसलों के रकबे में उछाल
मूंगफली फसल की बात करें तो इसमें भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष 933 हेक्टेयर में बुवाई की गई थी, जबकि इस वर्ष यह बढ़कर 1,520 हेक्टेयर हो गई है यानि 587 हेक्टेयर (38.61 प्रतिशत) की वृद्धि हुई है।

जिले के किसान फसल विविधीकरण की ओर अग्रसर
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा प्रदेश के किसानों और ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए उठाए गए ठोस कदमों का ही यह परिणाम है कि अब जिले के किसान फसल विविधीकरण की ओर अग्रसर हो रहे हैं।  जिले के किसान धान के अलावा दलहन, तिलहन फसलों के माध्यम से अपनी आमदनी बढ़ाने में रूचि ले रहे हैं। आने वाले समय में कोरिया जिला दलहन-तिलहन उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी जिलों में शामिल होगा।

कृषि विभाग द्वारा किसानों को उन्नत बीज, तकनीकी मार्गदर्शन और विपणन सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, जलवायु और मिट्टी की उपयुक्तता के चलते जिले में तिलहन और दलहन दोनों की पैदावार में और वृद्धि की संभावना है।

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