ठंड के दिनों में बच्चों को गर्म रखना बेहद जरूरी
*घर को गर्म रखने के लिए ब्लोवर का ना करें प्रयोग, इनसे होती है ऑक्सीजन में कमी
,,,,,,,,, डॉक्टर आमिर अली
अररिया
पच्छिया व बर्फीली हवा के चलने से तापमान घटने लगी है,जिससे बढ़ी ठंड से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बढ़ती ठंड को देखते हुए अररिया के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ आमिर अली ने कहा कि नौ निहालों व बच्चों को बढ़ती ठंड से बचाकर रखना चाहिए । उन्होंने कहा कि बढ़ती ठंड से सबसे अधिक छोटे बच्चे प्रभावित हो रहे हैं । इस समय बच्चों में कोल्ड डायरिया, सर्दी ,खांसी,निमोनिया आदि की समस्या बढ़ जाती है। इसलिए जिस घर मैं बच्चे हों, वहां अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है । उन्होंने कहा कि बच्चों को ठंड से बचाव के लिए पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े आदि पहनाने के साथ-साथ उसे गर्म रूम में ही रखना चाहिए । घर में हीटर या अलाव की व्यवस्था हो, वहां रखना चाहिए। याद रहे घर में धुंवां ना हो। घर को गर्म रखने के लिए ब्लोवर का प्रयोग कदापि न करें, चूंकि ब्लोअर से ऑक्सीजन कटता है। ब्लोवर के प्रयोग होने से घर के अंदर ऑक्सीजन में कमी होने लगती है। समय समय पर बच्चों को पौष्टिक आहार देना चाहिए। जहां एक वर्ष तक बच्चों को मां का दूध ही सर्वोत्तम मानी जाती है।शिशु को कुछ भी तकलीफ होने पर अपने नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में दिखाना चाहिए, या चिकित्सक से संपर्क करनी चाहिए। डॉ आमिर अली ने बताया कि इस ठंड में खासकर शिशुओं को ठंड से बचाते रहना चाहिए। सर्दी के मौसम में विशेषकर छोटे बच्चों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। इस मौसम में माता-पिता द्वारा बच्चों के प्रति थोड़ी सी लापरवाही भी बच्चों के सेहत पर बुरा प्रभाव डालता है। बच्चे कोल्ड डायरिया, निमोनिया, सर्दी खांसी, जुकाम का शिकार होने लगते हैं। बच्चों के अंदर कोल्ड डायरिया व निमोनिया का मामला बिगड़ते सर्द मौसम में सबसे अधिक बढ़ने लगता है। निमोनिया से दिल पर भी असर पड़ता है। निमोनिया बढ़ जाने से चमकी आता है। डॉ आमिर अली ने बताया कि सही समय पर पर्याप्त उपचार ना मिलने पर उक्त बीमारियां जानलेवा साबित होती है। खान-पान और रखरखाव पर ध्यान देकर बच्चों को बीमारी से बचाया जा सकता है। उल्टी दस्त होने पर चिकित्सक से तुरंत सलाह लेनी चाहिए। मां को कोरोना होने पर भी अपनी दूध नहीं रोकनी चाहिए ,उसे ज्यादा से ज्यादा दूध पिलाते रहनी चाहिए । साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए, दिन में दो से तीन बार शिशु के पहने हुए कपड़े को बदल देनी चाहिए। कोरोना संक्रमित मां मास्क लगाकर शिशु को दूध पिलाते रहनी चाहिए व प्यार दुलार या स्पर्श ( गाल में ) बच्चे को नहीं करनी चाहिए। नवजात शिशु के लिए मां का दूध ही सर्वोत्तम आहार है। सभी नवजात को निमोनिया का टीका अवश्य लगाना चाहिए और समय-समय पर जो टिके हैं, उन्हें अवश्य लगाना चाहिए । उन्होंने लोगों से अपील किया कि वे हमेशा मास्क का उपयोग करें, क्योंकि कोरोना अब पहले से भी ज्यादा घातक है।