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विजन 2047 को पूरा करने के लिए ‘स्व’ को पहचानना जरूरी : सुरेश सोनी

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

कुवि एवं स्वदेशी शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में ‘विजन 2047ः समृद्ध और महान भारत’ पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ सफल समापन।

कुरुक्षेत्र, 27 अप्रैल : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाहक सुरेश सोनी ने कहा कि विजन 2047 को पूरा करने के लिए ‘स्व’ को पहचानना जरूरी है। स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत देश ने स्व को पहचानने की ओर कदम बढ़ाया है। स्वतंत्रता संग्राम केवल राजनीतिक आंदोलन नहीं था, बल्कि यह जीवन के ‘स्व’ के आधार पर लड़ा गया संघर्ष था। वे शनिवार को नई दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान केन्द्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, स्वदेशी शोध संस्थान, नई दिल्ली, तथा अन्य शैक्षणिक संस्थानों के संयुक्त तत्वावधान में “विजन 2047ः समृद्ध और महान भारत” विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि समृद्ध व विकसित भारत बनने के लिए उत्पादन में प्रचुरता, वितरण में समानता, उपभोग में संयमता जरूरी है। उन्होंने आगामी विकास मॉडल को 7 एम के सूत्र से जोड़ते हुए कहा कि भारत का भविष्य ’मेन, मटेरियल, मनी, मोटिव पावर, मैनेजमेंट, मार्केट और मशीन पर आधारित होगा।
इस अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक आर सुदंरम ने कहा कि आर्थिक विकास, तकनीकी उन्नयन, बुनियादी ढांचे का विकास, सामाजिक सशक्तिकरण, महिला सशक्तिकरण और स्थिरता इस कार्यक्रम के मानदंड हैं।
स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल ने कहा कि यह तीन दिवसीय सम्मेलन में महिलाओं की भागीदारी ज्यादा रही, 2047 तक भारत ऐसा शोध करेगा जिस से वो पूरी दुनिया में छा जाएगा। हमें देश के लिए मरने की नहीं जीने की जरूरत है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने बताया कि इस तीन दिन के सम्मेलन में विभिन्न 46 विश्वविद्यालयों से एमओयू किए गए तथा 700 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने तीन दिवसीय सम्मेलन की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
अंत में राजीव कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया तथा उत्कृष्ट शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संगठक सतीश कुमार, तकनीकी शिक्षा विभाग हरियाणा के सचिव राजेश गोयल, प्रो. भगवती प्रकाश, प्रो. अश्विनी महाजन, सीए हर्षित, प्रो. आरके मित्तल, डॉ. आरसी अग्रवाल, प्रो. सुशील शर्मा, प्रो. अनिल मित्तल, प्रो. विकास, प्रो. विवेक चावला, डॉ. सलोनी दिवान, डॉ. अजय सोलखे, डॉ. जेके चंदेल, डॉ. अजय जांगडा, डॉॅ. महेश सहित गणमान्य लोग मौजूद थे।

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