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भारतीय जीवनशैली परंपराओं और पीढ़ियों से चले आ रहे मूल्यों पर आधारितः डॉ. वीरेन्द्र पाल

भारतीय जीवनशैली परंपराओं और पीढ़ियों से चले आ रहे मूल्यों पर आधारितः डॉ. वीरेन्द्र पाल

आधुनिक युग में भारतीय ज्ञान परम्परा की प्रासंगिकता पर संवाद कार्यक्रम।

कुरुक्षेत्र, प्रमोद कौशिक 8 सितम्बर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के भारत रत्न श्री गुलजारी लाल नंदा नीतिशास्त्र दर्शनशास्त्र केंद्र एवं प्राच्य विद्या संकाय द्वारा आधुनिक युग में भारतीय ज्ञान परंपरा की प्रासंगिकता विषय पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल ने मुख्य अतिथि के रूप में वर्तमान एवं प्राचीन जीवन शैली के ऊपर अपने विचार रखते हुए कहा कि भारतीय जीवनशैली परंपराओं और पीढ़ियों से चले आ रहे मूल्यों में गहराई से निहित है। चाहे वह रंग-बिरंगे त्यौहार हों, पारंपरिक परिधान हों या पाक-कला के व्यंजन, जीवन का हर पहलू इस भूमि की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के गीता शोध केन्द्र के प्रभारी प्रो. आर के देशवाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 प्राचीन भारतीय परंपरा और विद्यार्थियों की मनोस्थिति को समग्र करते हुए अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया इसके पश्चात प्रश्नोत्तरी संवाद स्थापित किया गया।
कार्यक्रम की संयोजिका प्रो. शुचिस्मिता ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम की सह-संयोजिका प्रो. कृष्णा रंगा अधिष्ठाता प्राच्य विद्या संकाय ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की एवं अंत में सभी मेहमानों का धन्यवाद किया।
इस अवसर पर डॉ. गुरचरण सिंह, डॉ. भगत सिंह, डॉ. रामचंद्र, डॉ. कुलदीप आर्य एवं विभिन्न विभागों के अन्य शिक्षकों सहित लगभग 200 विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं शिक्षकों ने भाग लिया।

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