जग ज्योति दरबार में चल रहे चैत्र पूर्णिमा सालाना मेले में दूसरे प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे

जग ज्योति दरबार में चल रहे चैत्र पूर्णिमा सालाना मेले में दूसरे प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
प्रार्थना आत्मा और परमात्मा के बीच की शक्तिशाली कड़ी है : महंत राजेंद्र पुरी।
कुरुक्षेत्र, 11 अप्रैल : जग ज्योति दरबार में चल रहे चैत्र पूर्णिमा सालाना मेले के दूसरे दिन शुक्रवार को भी हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली व उत्तराखंड सहित अन्य प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धालुओं ने महंत राजेंद्र पुरी एवं अन्य संतों के आशीर्वाद से जग ज्योति दरबार में फूल की सुंदर चादर पेश की। साथ ही शाम को मेहंदी की रस्म के साथ फूलों व फूल मालाओं को दरबार में समर्पित किया गया। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने मनोकामना करते हुए दीपमाला भी की। पूजन के उपरांत महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि प्रार्थना आत्मा और परमात्मा के बीच की शक्तिशाली कड़ी है। उन्होंने बताया कि प्रार्थना का अर्थ है आत्मा से निकली पुकार, जो सीधे स्रोत ईश्वर से जुड़ती है। उन्होंने बताया कि प्रार्थना के तीन स्तर हैं। बाह्य प्रार्थना अर्थात जैसे कि हम मंदिर, मस्जिद, चर्च या घर में करते हैं। मंत्र, स्तुति, भजन, और पूजा के माध्यम से करते हैं। दूसरा मानसिक प्रार्थना अर्थात यह मौन होती है। इस प्रार्थना में जब श्रद्धालु किसी शब्द के बिना, केवल भावों और भावनाओं से प्रार्थना करते हैं। यह ध्यान में जाकर प्रार्थना का स्वरूप ले लेती है। तीसरा आध्यात्मिक प्रार्थना है यह ऊर्जा का प्रवाह है। बिना बोले, बिना सोचे केवल अस्तित्व के माध्यम से प्रार्थना होना है। इसे प्रेम, ध्यान और समर्पण का संपूर्ण संगम माना जाता है। इस अवसर पर गुरबख्श गोलपुरा, विपिन सरसावा उत्तर प्रदेश, मक्खन सिंह श्रीनगर, गुलशन रोहटी, अक्षय बीजड़ पुर, कन्हैया कुरुक्षेत्र, राम लाल नलवी,गौरव टंगोरी, अजय राठी एवं विजय राठी भी मौजूद रहे।
श्रद्धालुओं के साथ महंत राजेंद्र पुरी।