जग ज्योति दरबार में आज से शुरू होगा तीन दिवसीय होलिका अनुष्ठान

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
होली पर पूजन से दूर होते हैं संकट तथा होती है भगवान की कृपा : महंत राजेंद्र पुरी।
कुरुक्षेत्र, 11 मार्च : जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि होली का त्यौहार केवल रंगों और उल्लास का उत्सव नहीं है, बल्कि इसे आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए सर्वकल्याण की भावना से जग ज्योति दरबार में 12 मार्च से विशेष होलिका अनुष्ठान प्रारम्भ होगा। इस अनुष्ठान का समापन 14 मार्च को देवी देवताओं के साथ होली खेलते हुए व यज्ञ में पूर्णाहुति के साथ होगा। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि होली के दिनों में देवी-देवताओं की पूजा करना शुभ और फलदायी माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार होली के अवसर पर पूजा और साधना करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। उन्होंने बताया कि होली का त्यौहार भक्त प्रहलाद और भगवान विष्णु से गहराई से जुड़ा हुआ है। जब हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को समाप्त करने के लिए होलिका को भेजा। तब भगवान विष्णु की कृपा से प्रहलाद सुरक्षित रहे और होलिका जलकर समाप्त हो गई। इसलिए होली के दिन भगवान विष्णु और उनके भक्त प्रहलाद की पूजा करने से सभी बाधाएं समाप्त होती हैं और जीवन में सफलता प्राप्त होती है। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि होलिका दहन के अवसर पर होलिका माता की आराधना करने की परंपरा प्रचलित है। इस पूजा से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। उन्होंने बताया कि होली का उत्सव भगवान कृष्ण और राधा रानी से गहरा संबंध रखता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की आराधना करने से भी प्रेम, सौहार्द्र और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
महंत राजेंद्र पुरी।