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नवरात्र समापन पर जयराम विद्यापीठ में अनुष्ठान यज्ञ में दी गई आहुतियां

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

नवरात्रों में दुर्गा सप्तशती पाठ अनुष्ठान पूजा महाशक्ति की पूजा है।

कुरुक्षेत्र, 6 अप्रैल : देश के विभिन्न राज्यों में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से ब्रह्मसरोवर के तट पर श्री जयराम विद्यापीठ की मुख्य यज्ञशाला में नवरात्रों के अवसर पर सर्वकल्याण की भावना से दुर्गा सप्तशती पाठ अनुष्ठान चल रहा था। नवरात्रों की नवमी के अवसर पर परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी एवं विद्यापीठ के ट्रस्टियों इत्यादि ने हवन यज्ञ में आहुतियां दी। ब्रह्मचारियों के साथ अनुष्ठान करवा रहे प्राचार्य डा. रणबीर भारद्वाज एवं आचार्य प्रतीक शर्मा ने बताया कि नवरात्र महोत्सव हमारा सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है और इस में दुर्गा सप्तशती पाठ अनुष्ठान की तो विशेष महिमा है। उन्होंने बताया कि नवरात्रों में दुर्गा सप्तशती पाठ अनुष्ठान पूजा तो महाशक्ति की पूजा है। इस में सौभाग्यशाली लोगों को ही मां भगवती की कृपा से शामिल होने का अवसर प्राप्त होता है। आचार्य प्रतीक शर्मा ने कहा कि यह त्यौहार शक्ति और ईश्वरीय शक्ति की देवी दुर्गा को समर्पित है। यह नौ दिनों का त्यौहार है इस दौरान श्रद्धालु देवी मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। उन्होंने बताया कि हमारी धार्मिक परम्पराओं अनुष्ठानों में दुर्गा पूजा से संबंधित अनुष्ठानों की एक लंबी सूची है। नवरात्रों में देवी दुर्गा सप्तशती पाठ व अनुष्ठान पूजा सबसे अधिक कल्याणकारी है। इसके बिना मां दुर्गा की पूजा अधूरी मानी जाती है। नवमी पर विद्यापीठ में कन्या पूजन भी किया गया।
जयराम विद्यापीठ में नवरात्रों के अवसर पर दुर्गा अनुष्ठान में आहुतियां देते हुए तथा कन्या पूजन उपरांत भोजन करवाते हुए।

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