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श्रद्धा भक्ति से भगवती जागरण, यज्ञ और भंडारा भक्तों द्वारा किया जाएगा : ज्योतिषाचार्य डॉ. सुरेश मिश्रा

कुरुक्षेत्र, संजीव कुमारी: श्री दुर्गा देवी मन्दिर पिपली के पीठाधीश ज्योतिषाचार्य डॉ. सुरेश मिश्रा ने भक्तों को शनिवार नवरात्र संकीर्तन में प्राचीन इतिहास बताया कि उनका पैत्रिक परिवार सन 1859 से परदादा स्वर्गीय पंडित सीता राम मिश्रा ,दादा स्वर्गीय पंडित जटा शंकर मिश्रा व पूज्यनीय पिता स्वर्गीय पण्डित श्री शेषमणि मिश्रा आगे उनके ज्येष्ठ पुत्र डॉ. मिश्रा और कनिष्ठ पुत्र पंडित राहुल मिश्रा वैदिक कर्म कांड, ज्योतिष,जन्म कुंडली, वास्तु शास्त्र एवं धार्मिक कार्यक्रमों को समाज के विकास एवं कल्याण हेतु वाराणसी से सेवा प्रदान कर रहा है। 31 दिसम्बर 1963 को श्री दुर्गा देवी मन्दिर की स्थापना उनके पूज्यनीय पिता स्वर्गीय पण्डित शेषमणि मिश्रा संस्थापक जी ने समस्त पिपली के भक्तों द्वारा करवायी थी।
तभी से नवरात्र में चैत्र और आश्विन मॉस की त्रयोदशी को भगवती जागरण और चौदस नवरात्र को यज्ञ व भंडारा प्रारम्भ हुआ था। सनातन धर्म में भगवान का ध्यान, आरती, संकीर्तन, जीव जंतुओं और गौ सेवा के साथ माता पिता और बुजुर्गों की सेवा का बहुत महत्त्व है।
उसी श्रृंखला में समस्त पिपली निवासियों के सहयोग से भगवती जागरण आश्विन मॉस की त्रयोदशी नवरात्र, रविवार, 5 अक्टूबर 2025 को भजन गायक श्रवण राज एण्ड पार्टी द्वारा किया जाएगा। चौदस नवरात्र सोमवार, 6 अक्टूबर 2025 को यज्ञ एवं भण्डारा मन्दिर परिसर में होगा।
पण्डित राहुल मिश्रा ने वैदिक मन्त्रों से सभी भक्तों के द्वारा पूजा- अर्चना करवाई। तेरी जय हों कालका माई, जयकारा गूंजे, तेरा रूप बड़ा विकराल कालका आदि सुन्दर भेंटें गायी।
समस्त विश्व कल्याण हेतु माँ दुर्गा का संकीर्तन, श्री दुर्गा चालीसा पाठ और भगवान् नाम जप सुमित्रा पाहवा, पायल सैनी, निशा अरोड़ा, ऊषा शर्मा,आशा कवात्रा, फूलकली, सोनू ,सीमा व शिमला धीमान, बंटी धीमान,भक्त सुशील तलवाड़ ,और छोटे बच्चो के साथ सभी भक्तों ने श्रद्धा अनुसार किया। मां दुर्गा की आरती के पश्चात सभी भक्तों ने श्रद्धा अनुसार प्रसाद लिया।

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