महाकुंभ से दिल्ली लौट रहे एनआरआई और उनके परिवार के साथ मारपीट

राजधानी में बिना टिकट यात्रा करने पर टीटीई ने मांगी रिश्वत न देने पर टीटीई और स्टाफ ने की एनआरआई और उसके परिवार के साथ मारपीट
दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालुओं को सही सलामत उनके गंतव्य तक पहुंचाने के दावे रेल प्रशासन की तरफ से लगातार किए जा रहे हैं। लेकिन ये दावे कितने सही हैं, इस बात का अंदाजा इसी घटना से लगाया जा सकता है जिसमें लखनऊ से दिल्ली जा रहे एक एनआरआई और उनके परिवार के साथ मारपीट का आरोप राजधानी एक्सप्रेस के टीटीई पर लगा है। हालांकि इस प्रकरण पर रेल प्रशासन का कहना है कि मारपीट की बात गलत है, जिस व्यक्ति के साथ मारपीट की बात की जा रही है वह व्यक्ति अपने परिवार के साथ बिना टिकट राजधानी एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे थे। लिहाजा उनके खिलाफ रेलवे एक्ट में कार्रवाई अमल में लाई जाएगी और जुर्माना भी वसूला जाएगा। इस मामले पर ट्रेन में सफर कर रहे हिमांशु ने बताया है कि उनका परिवार दिल्ली में रहता है, वह एक एनआरआई हैं और फिलहाल जर्मनी में रहते हैं। ट्रेन संख्या 20505 डिब्रुगढ़-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस के जरिए लखनऊ से दिल्ली लौट रहे थे। ट्रेन छूट जाने के कारण उनके पास टिकट नहीं था। स्टाफ से टिकट बनाने को कहा तो प्रति व्यक्ति 7500 के जुर्माने के आलवा अलग से रिश्वत की मांग की गई, नहीं देने पर ट्रेन के टीटीई और पेंट्रीकार के स्टाफ ने उनके साथ मारपीट की। उन्होंने बताया कि पांच दिन बाद उनकी जर्मनी के लिए वापसी है, इसीलिए उन्होंने पहले महाकुंभ में स्नान किया फिर अयोध्या राम मंदिर के दर्शन करके लौट रहे थे। एनआरआई की बेटी नेहा ने बताया है कि उनके पिता को टीटीई ने आधा दर्जन से ज्यादा थप्पड़ मारे। हिमांशु के सर में कड़ा मार दिया, जिसकी वजह से वह घायल हो गए। ट्रेन के बरेली पहुंचने पर पूरा परिवार जंक्शन पर उतारा गया। जीआरपी बरेली जंक्शन थाना प्रभारी अजीत प्रताप सिंह ने बताया है कि किसी प्रकार की तहरीर नहीं मिली है, लेकिन जिला अस्पताल में एनआरआई और उनके परिवार के सदस्यों का मेडिकल कराया गया है।
ट्रेन कैंसिल हो जाने के कारण राजधानी एक्सप्रेस में बैठ गए
दिल्ली के रमेशनगर थाना कीर्तिनगर के रहने वाले भारत बजाज ने बताया है कि वह लखनऊ से दिल्ली जा रहे थे। सुबह करीब छह बजे उनके और परिवार के साथ मारपीट की गई। उन्होंने बताया कि शनिवार को निकले थे। दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे के कारण उनकी ट्रेन 22 घंटा लेट हो गई थी। पहले प्रयागराज फिर अयोध्या से दर्शन करके लौट रहे थे। लेकिन जिस ट्रेन में रिजर्वेशन था वो कैंसिल हो गई थी। फिर जैसे तैसे अयोध्या से लखनऊ तक आए, फिर लखनऊ से राजधानी में बैठ गए, जिसमें उनका रिजर्वेशन नहीं था। इसको लेकर उन्होंने ट्रेन के टीटीई और स्टाफ से टिकट बनाने की बात कही, लेकिन उन्होंने 7500 प्रति व्यक्ति और साथ में कुछ रिश्वत की डिमांड की, जिसे न देने की स्थिति में उनके साथ मारपीट की गई। वहीं इस पूरे मामले पर रेल प्रशासन ने भी अपनी सफाई दी है, मुरादाबाद रेल मंडल के सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता ने बताया कि पूरा परिवार बिना टिकट के ट्रेन में यात्रा कर रहा था। किसी भी तरह की मारपीट और रिश्वत मांगने का आरोप गलत है। उन्होंने बताया कि इस मामले में बिना टिकट चलने वाले यात्रियों के खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। रेलवे अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि बिना टिकट चल रहे इन यात्रियों से जुर्माना वसूला जाएगा। वहीं सूचना है कि रेलवे के अधिकारी 70 हजार रुपये से अधिक का जुर्माना पूरे परिवार से वसूलने की तैयारी कर रहा हैं। परिवार में एक दो नहीं बल्कि एक दर्जन के आसपास सदस्य राजधानी एक्सप्रेस में सफर कर रहे थे। राजधानी एक्सप्रेस एक वीआईपी ट्रेन है। जिसमें रेल प्रशासन की तरफ से भारी भरकम जुर्माना बिना टिकट चलने पर वसूला जाता है।