Uncategorized

जग ज्योति दरबार में चल रहे चार दिवसीय सालाना मेले का हुआ समापन

जग ज्योति दरबार में चल रहे चार दिवसीय सालाना मेले का हुआ समापन।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

जग ज्योति दरबार में विशाल भंडारे के साथ हुआ चैत्र पूर्णिमा का सालाना मेले का समापन।

कुरुक्षेत्र, 13 अप्रैल : रविवार को जग ज्योति दरबार में पिछले चार दिनों से चल रहे भव्य चैत्र पूर्णिमा का सालाना मेले का समापन हो गया। उल्लेखनीय है कि पिछले कई वर्षों से समाज सेवा एवं जनकल्याण की भावना से देश के महान साधु संतों के सान्निध्य में जग ज्योति दरबार में चैत्र पूर्णिमा का सालाना मेला आयोजित किया जाता है। चार दिन तक चले विशाल मेले के समापन पर भी संत महापुरुषों एवं महंत राजेंद्र पुरी ने विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना की एवं समाज कल्याण को समर्पित चादर की रस्म अदा की। इस मौके पर दरबार में विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। मेले के समापन अवसर पर संतों के साथ सत्संग करते हुए महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि क्षमा आत्मा की शुद्धि और प्रेम का सर्वोच्च रूप है। क्षमा केवल शब्द नहीं है, यह एक अनुभव है जो आत्मा की गहराई से निकलता है। उन्होंने कहा कि क्षमा का अभ्यास करना कठिन हो सकता है लेकिन यही हमारी आध्यात्मिक परिपक्वता की पहचान है। श्री भगवद गीता में भी कहा गया है कि क्षमा धर्म का आभूषण है। क्षमा किसी एक धर्म या संस्कृति की नहीं, बल्कि मानवता की आत्मा है। इस से पूर्व शनिवार की पूरी रात भजन-कीर्तन, कव्वालियों और नाच गाकर परमात्मा का गुणगान किया गया। इस मौके पर स्वामी सुनील दास, साध्वी स्नेहा दास, स्वामी राजेश्वर नंद, स्वामी आनंद महाराज, स्वामी करुणानंद, जय भगवान शर्मा डीडी, अमरजीत छाबड़ा, रंजीत राठी, विजय राठी, भगत अजय राठी, शगुन शर्मा, विशाल, रामपाल, विपिन्न, गुलशन, योगध्यान लाड़वा, मनप्रीत मान, राजीव शर्मा, स्पर्श चौधरी, सुरेश, बिट्टू, रोशन शर्मा, नवीन शर्मा, जय भगवान चौसला, हरदीप सिंह, विजय कुमार सहित अनेक सेवक भी मौजूद रहे।
कार्यक्रम में जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी एवं भारी संख्या में श्रद्धालु।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button