कार्तिक मास में चतुर्थी और पंचमी को लगने वाली सम्भल तीर्थ परिक्रमा प्रारंभ

2006 से पहले 30 वर्ष तक परिक्रमा रही लुप्तप्राय,लगते रहे तीर्थों पर मेले। हिन्दू जागृति मंच ने पुनर्जीवित की संभल तीर्थ परिक्रमा
दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : सम्भल के 68 तीर्थ 19 कूपों की आध्यात्मिक परिक्रमा की स्थापना देवताओं के द्वारा की गई है। यह परंपरा नगर, देहात सुदूरवर्ती क्षेत्र से लोग अपने परिवार सहित आकर संभल की दो दिवसीय परिक्रमा करते रहे। सीधे रास्ते न होने के कारण कालांतर में परिक्रमा करने वालों तथा खेत-मालिकों में विवाद होना शुरु हो गया और झगड़े होते-होते परिक्रमा लुप्तप्राय हो गई। लगभग 30 वर्षों तक परिक्रमा बंद रही। लेकिन परिक्रमा जिसे फेरी कहा जाता है नीमसार, वंशगोपाल मनोकामना सूरजकुंड अनेक तीर्थों पर फेरी के मेले लगते रहे। 2006 में हिन्दू जागृति मंच ने विभिन्न राजनैतिक दलों से जुड़े हुए और समाजसेवियों के साथ योजना-रचना बनाई और सम्भल की प्राचीन दैवीय परंपरा को पुनर्जीवित एवं जागृत किया, जिसमें पंडित चंद्रशेखर शर्मा, पंडित अजय कुमार शर्मा, सुबोध कुमार गुप्ता, रामभजन सिंह यादव, लोटन सिंह, चौधरी महीपाल सिंह, चौधरी विचित्र सिंह चाहल सहित केवल 11 लोगों द्वारा परिक्रमा को पुनर्जीवित किया गया। कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद श्री कृष्णम ने परिक्रमा करने वालों को तिलक लगाकर शुभारंभ कराया। अगले वर्ष 100, फिर 500से1000 तक, इसके बाद लगभग 10,000 से भी अधिक संख्या में लोग मौजूद रहे।फिर असंख्य लोगों ने सम्भल तीर्थ परिक्रमा करके अपनी मनौतियां पूरी कीं।
हिन्दू जागृति मंच के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार शर्मा बताते हैं कि 2006 में भूली बिसरी परंपरा को पुनर्जीवित करना बहुत बड़ा जोखिम भरा कार्य था। परन्तु सभी राजनीतिक दलों, समाज सेवी संगठनों, जन सामान्य के सहयोग से आज से 18 वर्ष पूर्व सन् 2006 में सम्भल तीर्थ परिक्रमा को पुनर्जीवित किया गया। परिक्रमा से पूर्व सौ से अधिक गांवों में जाकर मीटिंग की व्यवस्था बनाई जाती थीं। वहां से परिक्रमा में लाने और परिक्रमा के बाद भेजने के लिए वाहन तय किए जाते थे। परिक्रमा के बाद सभी तीर्थ यात्रियों को वीडियो कैसेट और सम्मान पत्र भेंट किये जाते थे। कुल मिलाकर जलपान, भोजन, शयन, झांकी आदि से आकर्षण पैदा करते हुए 11 लोगों से असंख्य जनों तक परिक्रमा को पहुंचाने का साहसिक एवं आध्यात्मिक कार्य हिन्दू जागृति मंच ने किया।
हिन्दू जागृति मंच के प्रदेश महामंत्री सुबोध कुमार गुप्ता के अनुसार हिन्दू जागृति मंच ने सामाजिक, शैक्षिक, धार्मिक जागृति को समर्पित रहते हुए सम्भल के तीर्थ परिक्रमा को पुनर्जीवित करके सम्भल के महत्व में मील का पत्थर गाढ़ कर ऐतिहासिक कार्य किया है। इसके लिए हिन्दू जागृति मंच के सभी सदस्य बधाई और धन्यवाद के पात्र हैं। मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रदेश कोषाध्यक्ष विकास कुमार वर्मा के अनुसार हिन्दू जागृति मंच को इस बात पर गर्व है कि आज लाखों तीर्थयात्री हिन्दू जागृति मंच द्वारा शुरु की गई परंपरा व परिक्रमा को शिरोधार्य कर सम्भल को पर्यटन और तीर्थ क्षेत्र घोषित करने की मांग करते हुए सभी देवी शक्तियों को नमन करते हैं।




