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विशेष फलदायी है महाशिवरात्रि पर शिवपूजन, जलाभिषेक एवं अनुष्ठान : महंत राजेंद्र पुरी

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

जग ज्योति दरबार में महाशिवरात्रि के विशेष अनुष्ठान का 26 फरवरी को समापन होगा।

कुरुक्षेत्र, 23 फरवरी : जग ज्योति दरबार में महाशिवरात्रि के महापर्व के अवसर पर महंत राजेंद्र पुरी द्वारा सर्वकल्याण की भावना से चार दिवसीय विशेष अनुष्ठान प्रारम्भ किया गया है। अनुष्ठान का समापन महाशिवरात्रि के दिन 26 फरवरी को यज्ञ में पूर्णाहुति एवं महाभिषेक के साथ होगा। इस अनुष्ठान में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु दूर दूर से पहुंच रहे हैं। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि महाशिवरात्रि भगवान शिव का सबसे प्रिय और पवित्र पर्व है। यह महापर्व भगवान शिव और मां पार्वती के मंगलमिलन की पावन वेला है। शिवरात्रि के पर्व पर ही भगवान शिव के निराकार स्वरूप ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति हुई। ज्योतिर्लिंग की पूजा अर्थात् विश्व-ब्रह्माण्ड की पूजा है। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर आस्था से जलाभिषेक करने सभी देवी-देवताओं की पूजा सम्पन्न हो जाती है। महाशिवरात्रि अपनी आत्मा को पुनीत करने का महाव्रत है। इस व्रत को करने से सभी पापों का नाश हो जाता है और मनुष्य को सभी तरह के भोग पदार्थ और भगवान शिव का सान्निध्य प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि जग ज्योति दरबार में सर्वकल्याण की भावना से महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जा रहा है। सर्वकल्याण की भावना से ही हवन यज्ञ में आहुतियां दी जा रही हैं। इस विशेष पर्व पर भगवान शिव की आराधना विशेष फलदायी है। महंत राजेंद्र पुरी ने शिव भक्तों से कहा कि महाशिवरात्रि पर शिवचालीसा, शिव सहस्त्रनाम पाठ, शिव पुराण, रुद्राभिषेक, शिव पंचाक्षर मंत्र, महामृत्यंजय मंत्र जाप स्वयं करें या सुयोग्य ब्राह्मणों से करवाएं। महाशिवरात्रि पर शिव-पूजन से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। सौभाग्यशाली होते हैं वे शिवभक्त जिन्हें महाशिवरात्रि में व्रत-पूजन, अभिषेक, यज्ञ-अनुष्ठान का सुअवसर मिलता है। इस अवसर पर आदित्य चौहान, निरिजा चौहान, मनोज चौहान, मंजू, दीपिका, अजय राठी, विजय राठी एवं मनप्रीत सिंह इत्यादि भी मौजूद रहे।
महंत राजेंद्र पुरी हवन करते हुए।

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