बैसाखी उमंग और उत्साह का त्यौहार है – डॉ. मिश्रा

बैसाखी उमंग और उत्साह का त्यौहार है – डॉ. मिश्रा।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
ब्यूरो चीफ – संजीव कुमारी दूरभाष – 9416191877
कुरुक्षेत्र : श्री दुर्गा देवी मन्दिर पिपली के पीठाधीश व हार्मनी ऑकल्ट वास्तु जोन अध्यक्ष वास्तु व ज्योतिष आचार्य डॉ. मिश्रा ने बताया कि बैसाखी का पर्व मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के किसान उमंग उत्साह से मनाते है। बैसाखी के दिन फसल को काटकर घर आ जाने की खुशी में लोग ईश्वर को धन्यवाद करते हैं। इस दिन ईश्वर का धन्यवाद करने के लिए प्राप्त हुई फसल में से अन्न का कुछ अंश अग्नि स्वरूप परमात्मा को अर्पित किया जाता है और अन्न का प्रसाद सभी में वितरित किया जाता है। वहीं नाचते गाते हुए उल्लास पूर्वक बैसाखी के पर्व को मनाया जाता है।
बैसाखी का महत्त्व :
बैसाखी 13 अप्रैल 1699 को सिखों के दसवें और अंतिम गुरु गोबिंद सिंह ने आनंद साहिब में मुगलों के आक्रमण और अत्याचारों से मुकाबला करने के लिए खालसा पंथ की स्थापना की थी। बैसाखी के दिन पवित्र गुरुद्वारों में कई तरह के धार्मिक आयोजन और कीर्तन किया जाता है। बैसाखी के दिन से ही पंजाबी नए साल की शुरुआत भी होती है। इस दिन गुरुद्वारों को सजाया जाता है। लोग नए कपड़े पहनते हैं, एक दूसरे को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हैं और खुशियां मनाते हैं। शाम को इकठ्ठा होकर गिद्दा और भांगड़ा करते हैं। बैसाखी के पर्व को बेहद धार्मिक माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन विशेष उपाय करने से परमेश्वर वाहे गुरु की कृपा मिलती है और जीवन खुशियों से भरा रहता है।
बैसाखी हिंदुओं के लिए भी विशेष है। ऐसी मान्यता है कि हजारों सालों पहले जनमानस के कल्याण हेतु गंगा इसी दिन धरती पर उतरी थी।
मेष संक्रांति का महत्त्व –
इसी दिन सभी ग्रहों के राजा सूर्यदेव मीन राशि की अपनी यात्रा को छोड़कर मेष राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन को मेष संक्रांति कहा जाता है। इसलिए बैसाखी को पवित्र नदियों में स्नान कर सूर्य देव को जल अर्पित किया जाता है।
13अप्रैल 2025, रविवार बैसाखी के दान-पुण्य का
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 4 बजकर 28 मिनट से 5 बजकर 13 मिनट तक है।
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक है ।
गोधूलि मुहूर्त – शाम 6 बजकर 45 मिनट से 07 बजकर 07 मिनट तक है।
पद्मपुराण में इस दिन तीर्थ स्नान ,गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व बताया गया है। बुजुर्ग और रोगी जातक घर पर ही मानसिक ध्यान या घर में रखे गंगाजल से स्नान कर सकते हैं। दान-पुण्य के लिए आपके आसपास जो भी जरूरतमंद दिखे तो आप मेष संक्रांति के शुभ मुहूर्त में दान करके पुण्य अर्जित कर सकते हैं। श्रद्धायुक्त दान से जातक को निरोगी काया, धन और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
सक्रांति राशिफल – मेष, कर्क,सिंह,तुला, वृश्चिक, मकर और कुंभ राशि वालों को लाभदायक रहेगी। शेष राशि वालों को निजी कार्य में सावधानी रखनी चाहिए क्योंकि उचित लाभ कम मिलेगा।
विद्या प्राप्ति और सुख समृद्धि हेतु विशेष उपाय :
विद्या में सफलता के लिए बैसाखी पर रोटी और गुड़ गाय को खिलाने से लाभ मिलता है।
गायों को अपने वजन के बराबर हरा घास खिलाने से पितरों और भगवान की कृपा मिलती है।
अपनी सुख समृद्धि और धन वृद्धि के लिए बैसाखी के पावन पर्व पर चावल की खीर बनाकर गरीब व्यक्तियों में बाटें। इससे गरीबों का आशीर्वाद मिलेगा और आपका घर धन-धान्य से भरा रहेगा।