Uncategorized

लाखों वर्षों के बाद भी रामलीला का मंचन होना दिव्य सनातन परंपरा : स्वामी ज्ञानानंद

रामराज की स्थापना के साथ संपन्न हुआ अंतर्राष्ट्रीय रामलीला महोत्सव।

कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 29 सितंबर : गीता ज्ञान संस्थानम् में अंतर्राष्ट्रीय रामलीला महोत्सव एसोशिएशन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सम्पूर्ण रामायण रामलीला का समापन हुआ। समापन अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने अपने आशीर्वचन में कहा कि लाखों वर्ष बीत जाने पर भी रामलीलाओं का मंचन होना, यह दर्शाता है कि रामकथा एक सारस्वत प्रेरणा है। शारदीय नवरात्रों के पूर्ण होने पर दशमी को दशहरा मनाया जाता है। दशहरे का पर्व असत्य पर सत्य, अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है। उन्होने कहा कि सनातम परंपराएं दिव्य हैं और प्रेरणा दायक हैं। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी रामलीला मंचन करने वाले वाले बाल कलाकारों की प्रतिभा की सराहना करते हुए उन्हें अपना विशेष स्नेह और आशीर्वाद प्रदान कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होने कहा कि टंडन दंपत्ति रामायण उत्सव के माध्यम से सनातन परंपराओं को जीवित रखे हुए हैं। इससे पूर्व दीप प्रज्जवलित कर अंतिम दिन कर रामलीला का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर जस्टिस बृजेश सेठी, जस्टिस डॉ. ओपी व्यास अध्यक्ष बाल कल्याण बोर्ड दिल्ली, श्रीमती रेनू भाटिया अध्यक्ष हरियाणा बाल कल्याण बोर्ड, श्री देव त्यागी एनआरआई वेलफेयर सोसाइटी लंदन, कमल प्रकाश ऑस्ट्रेलिया, वल्र्ड बुक ऑफ़ रिकाड्र्स के भारतीय प्रतिनिधि मोहित, कुरुक्षेत्र के समाजसेवी प्रतीक सुधा सहित बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। अंतर्राष्ट्रीय रामलीला महोत्सव एसोशिएशन के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश टंडन और संयोजिका डॉ. वंदना टंडन ने पूज्य स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के सहयोग से विशिष्ट अतिथियों को अंगवस्त्र तथा रामलला की भव्य छवि भेंट कर स्वागत किया। डॉ. वेद टंडन ने विश्व रिकॉर्ड बना चुके दिल्ली एनसीआर के विभिन्न स्कूलों के बच्चों की प्रस्तुति के प्रति अपना अपार स्नेह व्यक्त करने की लिए पंडाल की क्षमता से कई गुणा अधिक धर्मप्रेमी दर्शकों का अभिनंदन किया।
रामलीला का शुभारंभ भक्त शिरोमणि शबरी के आश्रम प्रभु श्रीराम के पदार्पण से हुआ। राम जी ने जाति, वर्ग, वर्ण से नहीं, हृदय में पवित्रता धारक प्रत्येक मनुष्य को अपना सर्वप्रिय भक्त बताते हुए शबरी के झूठे बेरों का रसास्वादन किया तो पंडाल श्रीराम जय राम जय जय राम और करतल ध्वनि से गूंज उठा। आज की लीला में पवन पुत्र हनुमान के प्रवेश से लीला की रोचकता और आकर्षण में वृद्धि हुई। आज के अन्य आकर्षणों में हनुमान जी द्वारा विशाल समुद्र लांघकर अशोक वाटिका में सीता जी से भेंट, रावण हनुमान संवाद पश्चात स्वर्णमयी लंका के धू-धूकर दहन, विभीषण की शरणागति, अंगद रावण संवाद, लक्ष्मण मूर्छा पश्चात हनुमान जी द्वारा संजीवनी लाने के पश्चात लीला क्रमश: कुंभकर्ण -मेघनाद -रावण वध से चरम पर पहुंची। जनकनंदिनी सहित प्रभु श्रीराम लक्ष्मण के अयोध्या पहुंचते ही भरत मिलाप और उत्सव आरंभ हुए। प्रभु श्री राम के राज तिलक और प्रजा के सर्वोत्तम कल्याण और सुख के लिए रामराज की स्थापना के मंचन के साथ विराम लिया।
रामलीला मंचन का दृश्य अंतिम दिन की रामलीला का शुभारंभ करते गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद व गणमान्य व्यक्ति।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Compare Listings

Title Price Status Type Area Purpose Bedrooms Bathrooms
plz call me jitendra patel