उत्तराखंड देहरादूनअब 7 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए “आधार बायोमेट्रिक” अपडेट पूरी तरह मुफ्त

उत्तराखंड देहरादून
अब 7 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए “आधार बायोमेट्रिक” अपडेट पूरी तरह मुफ्त,
सागर मलिक
दिवाली से पहले आधार कार्ड जारी करने वाली संस्था UIDAI (Unique Identification Authority of India) ने बच्चों के लिए बड़ा फैसला लिया है।
अब 7 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए आधार बायोमेट्रिक अपडेट पूरी तरह से मुफ्त कर दिया गया है। यानी अब बच्चों के फिंगरप्रिंट, आईरिस स्कैन और फोटो अपडेट कराने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा।
यह नई सुविधा 1 अक्टूबर 2025 से लागू हो गई है और यह 1 अक्टूबर 2026 तक (पूरे एक साल) के लिए मान्य रहेगी। इस दौरान देशभर में माता-पिता अपने बच्चों का आधार बायोमेट्रिक अपडेट नि:शुल्क करा सकते हैं।
क्यों जरूरी है बच्चों का आधार अपडेट
UIDAI के अनुसार, 5 वर्ष की उम्र तक बच्चों के आधार कार्ड में बायोमेट्रिक डेटा (फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन) नहीं लिया जाता है, क्योंकि इस उम्र में बच्चों के बायोमेट्रिक फीचर विकसित नहीं होते।
लेकिन 5 साल की उम्र के बाद यह जरूरी हो जाता है ताकि आधार की वैधता और सटीकता बनी रहे। अब इस अपडेट को 7 से 15 वर्ष के बीच मुफ्त में कराने की सुविधा दी गई है।
पहले देना पड़ता था शुल्क
पहले UIDAI बायोमेट्रिक अपडेट के लिए ₹125 का शुल्क लेता था।
यह अपडेट दो चरणों में किया जाता था —
पहला, 5 से 7 साल की उम्र के बीच,
दूसरा, 15 से 17 साल की उम्र के बीच।
UIDAI के नए नियम के अनुसार, अब 7 से 15 वर्ष के बीच आने वाले सभी बच्चों के लिए यह अपडेट फ्री ऑफ कॉस्ट रहेगा।
UIDAI का आधिकारिक बयान
UIDAI ने 4 अक्टूबर को एक बयान जारी कर कहा —
“बायोमेट्रिक अपडेट से यह सुनिश्चित होगा कि बच्चे शिक्षा, प्रवेश परीक्षा, छात्रवृत्ति और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) योजनाओं जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं का लाभ आसानी से उठा सकें।”
इस प्रक्रिया में बच्चे की नई तस्वीर, उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों का स्कैन लिया जाएगा ताकि डेटा अद्यतन और सटीक रहे।
माता-पिता के लिए UIDAI की अपील
UIDAI ने देशभर के माता-पिता और अभिभावकों से अपील की है कि वे एक साल की इस छूट अवधि के भीतर अपने बच्चों का बायोमेट्रिक अपडेट जरूर करा लें।
इससे बच्चों को सरकारी योजनाओं, छात्रवृत्ति, एडमिशन और अन्य सुविधाओं तक पहुंच में कोई दिक्कत नहीं होगी।
UIDAI का यह निर्णय एक जनहितकारी पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देशभर में बच्चों के आधार डेटा को अद्यतन रखना और डिजिटल पहचान प्रणाली को मजबूत बनाना है।