गर्मी के मौसम में सब्जियां हैं लाभकारी : डा. सी.बी. सिंह

गर्मी के मौसम में सब्जियां हैं लाभकारी : डा. सी.बी. सिंह।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
आलू की फसल निकालने के बाद खाली खेतों में खाद की जरूरत नहीं रहती है।
कुरुक्षेत्र, 20 फरवरी : कृषि वैज्ञानिक डा. सी.बी. सिंह ने कहा कि गर्मी का सीजन शुरू होने जा रहा है तो सेहत की दृष्टि से सब्जियों का सेवन काफी लाभकारी है। उन्होंने मौसम की स्थिति को देखते हुए उन सब्जियों के बारे में जानकारी दी जो फरवरी मार्च महीने में लगाई जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि फरवरी मार्च महीने में कद्दू, खीरा, सेम की फली, करेला, पालक, अरबी, बैंगन, भिंडी जैसी सब्जियां उगाई जा सकती हैं। आजकल गाजर, मूली, चुकंदर, शलजम, ब्रोकली, फूलगोभी, प्याज व लहसुन का समय है तो मार्च में लौकी, भिंडी, घीया, कछू करेला, तोरी, मिडी इत्यादि उगाई जा सकती हैं। डा. सिंह ने सब्जियां उगाने की विधि बारे जानकारी देते हुए कहा कि लौकी के बीजों को 24 घंटे तक पानी में भिगोकर रख दें तथा उसके बाद क्यारियों में लगाएं। उन्होंने कहा कि भिंडी की अगेती किस्म की बुवाई के लिए सिंचाई की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। भिंडी लगाने से पहले मिट्टी को भुरभुरा कर लेना चाहिए। ककड़ी की बुवाई के लिए एक उपयुक्त समय फरवरी से मार्च ही होता है। इसके लिए एक एकड़ भूमि में एक किलोग्राम बीज की जरूरत होती है। इसे लगभग हर तरह की ज़मीन में उगाया जा सकता है। भूमि की तैयारी के समय गोबर की खाद डालें व खेत की तीन से चार बार जुताई करके सुहागा लगाएं। ककड़ी की बीजाई 2 मीटर चौड़ी क्यारियों में नाली के किनारों पर करनी चाहिए। पौधे से पौधे का अंतर 60 सेंटीमीटर रखें। एक जगह पर दो – तीन बीज बोएं। बाद में एक स्थान पर एक ही पौधा रखें। साथ ही मौसम को देखते हुए हर हफ़्ते एक अच्छी सिंचाई करते रहें। इसी के साथ डा. सी.बी. सिंह ने कहा कि जिन किसानों ने आलू की फसल निकालने के बाद खेत खाली किए हैं। उन खेतों सब्जी उगाने के लिए खाद की भी जरूरत नहीं रहती है।
कृषि वैज्ञानिक डा. सी.बी. सिंह।