भारत विकास परिषद की कुरुक्षेत्र शाखा के नए अध्यक्ष बने विजयंत बिंदल

भारत विकास परिषद की कुरुक्षेत्र शाखा के नए अध्यक्ष बने विजयंत बिंदल।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दायित्व ग्रहण समारोह में 10 नए सद्स्यों के साथ हुआ संपन्न, राम नवमी पर हुआ भव्य भजन।
कुरुक्षेत्र : भारत विकास परिषद कुरुक्षेत्र शाखा द्वारा दायित्व ग्रहण समारोह व भजन संध्या का आयोजन गीता निकेतन आवासीय विद्यालय परिसर में विद्या भारती सभागार में संपन्न हुआ।
आयोजन की शुरुआत वंदे मातरम के गायन व मां सरस्वती, भारत माता व स्वामी विवेकानंद के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन व पुष्प अर्चना से की गई।
दीप प्रज्वलन भारत विकास परिषद के मुख्य अतिथि डॉ. परमजीत पाहवा, क्षेत्रीय अध्यक्ष , प्रांतीय अध्यक्ष कपिल गुप्ता, प्रान्तीय महासचिव अतुल गोयल परिषद की कुरुक्षेत्र शाखा के निर्वतमान अध्यक्ष पवन गुप्ता तथा नई मैत्रीय शाखा की अध्यक्षा ममता सचदेवा द्वारा किया गया। इस अवसर पर भारत विकास परिषद कुरुक्षेत्र शाखा का 2025-26 के लिए नई कार्यकारिणी का दायित्व ग्रहण व 10 नए सद्स्यों का शपथ ग्रहण समारोह भी सम्पन्न हुआ। भारत विकास परिषद की ओर से कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में प्रांतीय अध्यक्ष कपिल गुप्ता , दायित्व प्रदाता के रूप में प्रान्तीय महासचिव अतुल गोयल ने भूमिका निभाई।
अतुल गोयल द्वारा नई कार्यकारिणी को अपने पद की पवित्रता को बनाये रखने की शपथ दिलाई गई जिसमें विजयंत बिंदल को अध्यक्ष, बलजीत चावला को सचिव, मनोज सेतिया को वित सचिव, मानसी को महिला व बाल विकास संयोजिका, प्रवीण सिंघल, डॉ. हरि प्रकाश शर्मा, अखिलेश गुप्ता, प्रवीण घई को क्रमशः सेवा, संस्कार व संपर्क का दायित्व प्रदान किया गया। इस अवसर पर अनुज कुमार को पर्यावरण का दायित्व भी दिया गया। समारोह की अध्यक्षता कर रहे प्रांतीय अध्यक्ष कपिल गुप्ता ने शाखा कुरुक्षेत्र की कार्यक्रमों को लेकर भूरी भूरी प्रशंसा की और कहा की शाखा ने भारत विकास परिषद में अपना एक विशिष्ट स्थान बनाया है और इसके लिए उन्होंने निवर्तमान शाखा अध्यक्ष पवन गुप्ता व उनकी पूरी टीम को साधुवाद दिया और नवनिर्वाचित टीम के अध्यक्ष श्री विजयंत बिंदल और सभी दायित्व धारियों को बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की।
इस अवसर पर डॉ. परमजीत पाहवा ने कहा कि भारत विकास परिषद सेवा, संस्कार और देश में सामाजिक- सांस्कृतिक जागरण हेतु एक स्वयंसेवी संस्था है। जो स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को अपनाते हुए समाज जीवन के सभी क्षेत्रों में भारत के सर्वांगीण विकास के लिए समर्पित है। परिषद के मूल सिद्धांत संपर्क, सहयोग, संस्कार, सेवा, समर्पण पर आधारित वर्ष पर्यंत चलने वाले विविध कार्यक्रमों के कारण आज परिषद की अपने सेवा कार्यों के लिए समाज में विशिष्ट पहचान बनी है। इसके साथ ही सदस्यों का अनुशासन और संगठनात्मक कार्यशैली परिषद परिवार को विशिष्ट बनाती हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के सिद्धांत पर चल रहे परिषद के सभी कार्यक्रमों में सबसे महत्वपूर्ण शपथ ग्रहण कार्यक्रम है जो सदस्यों को देश एवं समाज के प्रति उत्तरदायित्व का बोध कराता है।
भारत विकास परिषद् के अधिकारी दायित्व देते हुए।